नई दिल्ली: गुजरात में कोरोना (Corona in Gujrat) का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. वायरस के खतरे से लोगों में दहशत का मंजर पनप रहा है, आलम यह है कि सूरत जिले में शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए कतारें लगी हुई हैं. यहाँ तक श्मशानों में आ रहे शवों का लोड इस कदर बढ़ रहा है कि मृतकों को जिस शैया पर लेटाया जाता है वो तो पिघल जा रही है.


श्मशान घाटों पर बढ़ रही है भीड़


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सूरत जिले के बारडोली स्थित मोक्ष धाम में अमूमन एक दिन में बीस के आस पास शवों का अंतिम संस्कार होता है, लेकिन कोरोना का प्रकोप ऐसा बढ़ा है कि एक दिन करीब 80 से ज्यादा शवों का अग्निदाह किया जा रहा है. नतीजा यह है कि भट्टी पर लोड बढ़ने से उसमें लगी लोहे की ग्रिल पिघल जा रही है.



सूरत के उमरा गांव स्थित रामनाथ घेला श्मशान गृह में लगातार शवों का अंतिम संस्कार करने से भट्ठियां जवाब देने लगी है, उमरा की गैस से चलने वाली छह भट्ठियां हैं जिनमें से दो बंद पड़ गई हैं, जबकि लकड़ी आधारित 20 भट्ठियां चालू हैं.



उमरा श्मशान के संचालक हरीश उमरीगर की माने तो श्मशान में मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए जमीन पर लकड़े की चीता बना कर लोड को कम करने का प्रयास किया जा रहा है.


कब्रस्तानों में एडवांस में कब्रों की खुदाई!


गुजरात के सूरत में कोरोना ने कोहराम मचा रखा है. एक ओर जहां श्मशानों में मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए कतार लगी हैं. वहीं, कब्रस्तानों में एडवांस कब्रों की खुदाई की जा रही है. कब्रों की खुदाई करने के लिए मजदूरों की कमी के चलते जेसीबी मशीन लगाई गई है.


सूरत के रामपुरा स्थित कब्रिस्तान प्रबंधक मोहम्मद आसिफ ने बताया कि कब्रस्तान में जहां सामान्य तौर पर 2 से 3 शव आते थे, आज वहां 10 से 12 शव रोजाना आ रहे हैं. कब्रिस्तान के संचालकों ने बताया कि एक कब्र खोदने में 6 से 7 घंटे लग जाते हैं, इसलिए कब्र की एडवांस में खुदाई कराई जा रही है. इतना ही नहीं कब्र की खुदाई के लिए आदमी कम पड़े तो जेसीबी से खुदवाया जा रहा है.


सूरत का हाल हो सकता है बद से बदतर


गुजरात का सुरत इन दिनो कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है. गुजरात के चार शहर सूरत, वड़ोदरा, अहमदाबाद और राजकोट में सबसे अधिक कोरोना के मामले दर्ज हो रहे हैं. लिहाजा शहर में सरकार द्वारा कड़ाई के बाद भी रोजाना मौत का आंकड़ा 100 पार कर रहा है.


सूरत में संक्रमितों की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. सूरत में कोरोना की वजह से स्थिति इतनी खराब हो गई है कि ज्यादातर अस्पताल फुल हो गए हैं. जिसकी वजह से अब अस्पताल गंभीर कोरोना रोगियों को भर्ती करने से इनकार कर रहे हैं.


भारत कैंसर अस्पताल के अध्यक्ष डॉ. महेंद्र चौहान ने ज़ी हिन्दुस्तान से खास बातचीत में बताया कि 'सूरत में अगले एक हफ्ते अगर रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन सप्लाई, वेंटिलेटर और आईसीयू बेड्स नहीं बढ़ाए गए और प्रशासन ने इसकी कोई व्यवस्था नहीं की तो एक हफ्ते बाद ही सूरत का हाल बद से बदतर हो जाएगा. हमारे अस्पताल में 50 कोविड मरीज भर्ती हैं और हमें लगभग 10 मरीज रोज लौटाने पड़ते हैं, क्योंकि हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर इतना नहीं है.'


सूरत में क्यों बढ़ रहे हैं आंकड़ें? जानिए


सूरत को मिनी इंडिया कहां जाता है. यहां राजस्थान, हरियाणा, यूपी, महाराष्ट्र तमाम राज्यों से लोगों का आवागमन काफी ज्यादा है. गुजरात का एक हिस्सा जिसे सौराष्ट्र कहा जाता है, वहां से भी लोग सूरत आते हैं. आवाजाही और लापरवाही कोरोना फैलने की सबसे बड़ी वजह है.


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पहले स्ट्रेन में सूरत के आस-पास पड़ने वाले गांव से एक भी मामला नहीं आता था, लेकिन इस स्ट्रेन में रोजाना 40 मरीज गांव से शहर में रेफर हो रहे हैं. लिहाजा अस्पतालों पर बोझ बहुत बढ़ा हैं. अगर इस स्थिति को जल्द सुधारा नहीं गया तो सूरत में कोहराम मच जाएगा.


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