नई दिल्ली: कोरोना ने हर किसी को खौफ के साए में जीने के लिए मजबूर कर दिया है. देश की राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में जल्द की ऑक्सीजन सप्लाई की किल्लत पड़ सकती है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि जल्द ही राजधानी के अस्पतालों की ऑक्सीजन व्यवस्था चरमरा सकती है.
बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं भरे जा रहे
दिल्ली के पांच बड़े ऑक्सीजन सेलिंग प्लांट में से एक नारायणा इंडस्ट्रियल एरिया की मौजूदा हालत चेताने वाली है. जहां से दिल्ली की एक चौथाई ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है. आमतौर पर यहां पर ऑक्सीजन सिलेंडर ले जाने वाले ट्रकों की कतार होती है, लेकिन बीते सोमवार से कच्चे माल के रूप में लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हुई है, लिहाजा बड़े सिलेंडर नहीं भरे जा रहे हैं.
इस प्लांट की क्षमता 20,000 लीटर ऑक्सीजन की है. इस वक्त प्लांट में सिर्फ 400 से 500 छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर भरने लायक ऑक्सीजन गैस बची है, जबकि इंडस्ट्रियल यानी औद्योगिक इस्तेमाल की ऑक्सीजन पर पूरी तरीके से ब्रेक लगा दिया गया है.
लोगों की जान बचे यही प्राथमिकता
ऑक्सीजन प्लांट के मैनेजर अशोक का कहना है कि हमारी कोशिश है कि पहले मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई हो सके जिससे कि लोगों की जान बचे, मुनाफा बाद में देखा जाएगा. क्योंकि कच्चे माल के रूप में हरियाणा उत्तर प्रदेश और राजस्थान से सप्लाई में समस्या आ रही है.
छोटी रिटेल डीलर भी लगातार पहुंच रहे हैं, वह भी परेशान है, क्योंकि छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर को अगर 100% प्रयोग में लिया जाए तो 8 घंटे तक ऑक्सीजन की सप्लाई हो सकती है. जो किसी कोरोना पेशेंट की जान बचा सकता है, लेकिन अब छोटे सिलेंडर ही भरे जा रहे हैं. बड़े नर्सिंग होम और अस्पतालों तक ऑक्सीजन के सिलेंडर पहुंचना लगातार मुश्किल हो रहा है. कच्चे माल की कमी है और डिमांड पहले से दोगुनी से ज्यादा हो चुकी है.
बच्चों को बचाना भी है जरूरी
बच्चों को बचाने की कोशिश सरकार के स्तर पर हो रही है अधिकांश राज्य सरकारों ने स्कूल बंद करने के निर्देश दे दिए हैं. राज्य बोर्ड ने परीक्षाएं टाल दी है. अब तो सीबीएसई ने भी आदेश जारी किया है, जिसके तहत दसवीं के एग्जाम रद्द कर दिए गए हैं और 12वीं के एग्जाम 1 जून के बाद ही होंगे.
खुद प्रधानमंत्री के अध्यक्षता में बच्चों को बचाने के लिए बैठक हुई और फैसला लिया गया कि जिन छात्र-छात्राओं के लिए अभी तक देश में वैक्सीन तक उपलब्ध नहीं है, उन्हें हर संभव संक्रमण से बचाना है.
कोरोना से बचाव में ये आहार करेंगे मदद
चाइल्ड केयर एक्सपर्ट डॉ. दीपाली ने ज़ी हिन्दुस्तान से बात करते हुए कहा कि हरा, नारंगी पीला और लाल भोजन करें. हरी सब्जी, बिना तले हुए आलू, आम और मीट के साथ मछली के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सकती है. अगर परिवार में कोई भी सदस्य संक्रमित है तो बच्चों को दूर रखें.
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उन्होंने ये भी बताया कि 'बच्चों में अगर सांस लेने की समस्या हो तो एचआरसटी स्कैन जरूर करवाएं. खाने में ऐसी सब्जी और फलों का प्रयोग करें जिसमें अत्याधिक मात्रा में फाइबर हो.'
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