नई दिल्लीः तबलीगी जमात के कारण देश भर से कोरोना के मामलों में अचानक बढ़ोतरी हुई है. यहां शामिल हुए लोग देश के अलग-अलग राज्यों और हिस्सों से थे. इसलिए जब वे वापस गए तो साथ में कोरोना को लेकर गए. पहचान छिपाई रखी और लोगों से मिलते-जुलते भी रहे. लॉकडाउन भी फॉलो नहीं किया.


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इन सब परेशानियों से कश्मीर अधिक जूझ रहा है. यहां श्रीनगर से कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी है. 


राज्य में आए 50 से अधिक केस, दो की मौत
देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी आई है. जम्मू-कश्मीर में भी बुधवार दोपहर तक 50 से अधिक केस सामने आ चुके हैं, जिसके बाद अब लॉकडाउन को लेकर सख्ती बरती जा रही है. जिन क्षेत्रों में इसका ज्यादा असर है वहां समेत पूरे राज्य में प्रशासन ने 25 राज्यों को रेड ज़ोन घोषित किया है और किसी तरह की मूवमेंट पर रोक लगा दी है.



जम्मू-कश्मीर में अबतक कोरोना वायरस के कुल 55 मामले सामने आए हैं, इनमें दो लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. जबकि दो लोगों को ठीक कर डिस्चार्ज किया जा चुका है. 


दिल्ली की सरकारी अस्पताल में एक डॉक्टर को पाया गया कोरोना पॉजिटिव


श्रीनगर से अधिक मामले आए सामने
लगातार बढ़ते असर को देखते हुए प्रशासन ने 25 गांवों में किसी तरह के मूवमेंट पर रोक लगा दी है. जम्मू-कश्मीर में अबतक सबसे ज्यादा मामले श्रीनगर से ही सामने आए हैं, यहां कुल 17 कोरोना वायरस से संक्रमित लोग पाए गए हैं. इसके बाद जम्मू से नौ और बांदीपोरा से नौ लोगों में कोरोना वायरस के पॉजिटिव लक्षण पाए गए हैं.


दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज में जम्मू-कश्मीर के भी कुछ लोग शामिल थे. इनमें से कई की पहचान की जा रही है, जिनमें से जम्मू क्षेत्र में 10 लोगों को क्वारनटीन में रहने को कहा गया है. इन दस में से 9 हैदराबाद से ताल्लुक रखते हैं.


जमात में शामिल हुए थे 800 कश्मीरी, उनके पहचान छिपाने से बढ़ा संक्रमण का खतरा


जमात में कश्मीर से शामिल 800 संदिग्ध
सामने आया था कि घाटी से जमात में शामिल होने के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचे थे. एक अनुमान के मुताबिक इनकी संख्या 800 बताई जा रही है, जो कि जमात में शामिल हुए  लोगों के संपर्क में आए. इनमें से कई लोगों को तो क्वारंटाइन कर लिया गया है, लेकिन अभी भी काफी लोगों का पता ही नहीं है. उनकी तलाश की जा रही है.