श्रीनगरः लॉकडाउन के आदेश के बावजूद तब्लीगी जमात में शामिल हुई भीड़ ने भारत में खतरा काफी बढ़ा दिया है. सबसे अधिक डर की बात यह है कि इस जमात में देश भर के अलग-अलग हिस्सों से लोग शामिल हुए थे. अब सामने आया है कि 800 लोग अकेले कश्मीर से ही शामिल हुए थे.
मामला सामने आने के बाद 65 लोगों को निजामुद्दीम मरकज में क्वारंटाइन कर के रखा गया है. कई लोग कश्मीर लौट आए थे, उन्हें भी खोजकर क्वारंटाइन किया जा रहा है.
डर की बात, कइयों की तलाश जारी
65 लोगों को निज़ामुद्दीन मरकज़ में कोरंटाइन करके रखा गया है. बाकी लौटे लोगों में आधे से अधिक लोगों को तलाश कर जम्मू कश्मीर में कोरंटाइन किया गया. कश्मीर में प्रशासन के सामने सब बड़ी दिक्कत है कि कई लोग जो लौट आए हैं,
उनका पता नहीं है और उन्हें खोजने के प्रयाक किए जा रहे हैं. दरअसल, कोरोना से हुई पहली मौत के बाद यहां इस तरह का हड़कंप मचा हुआ है. इसिलए अधिकारी परेशान हैं.
तब्लीगी से लौटा था पहला मृतक
एक अफसर ने बताया कि चिंता की बात यह है कि कश्मीर में कोरोना से जो पहली मौत हुई तो उसकी ट्रेवल हिस्ट्री खंगाली गई. इसमें सामने आया कि यह शख्स निज़ामुद्दीन में हुवी तबलिगी मजलिस में भाग लेने के बाद कश्मीर लौटा था और यह तीन दिनों तक तबीयत खराब होने के बावजूद घूमता रहा.
वह केवल श्रीनगर हाई ही नहीं बल्कि उतरी कश्मीर भी गया था. प्रशासन के मुताबिक उसके सीधे सम्पर्क में 14 लोग आए थे. यह सभी लोग अन्य कई लोगों से मिले थे. इस शख्स की मौत के बाद लोग छिपने लगे.
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लोगों के छिपने से संक्रमण का खतरा बढ़ा
कश्मीर के एक बड़े अधिकारी ने कहा जम्मू और कश्मीर से लगभग 800 लोग तबलिगी जमात में भाग लेने के लिए गए थे, जिनमें से 65 अभी भी निजामुद्दीन मरकज़ में कोरंटाइ में हैं. तबलिगी जमात में भाग लेने वालों की तलाश अभी भी जारी हैं कई का पता लगाया गया है और उन्हें कोरंटाइन कर दिया गया है.
बाक़ियों की तलाश अभी भी जारी है. प्रशासन इन लोगों से लगातार अनुरोध कर रही है कि वह समने आएं और प्रशासन की मदद करें. उनके छुपे रहने से न सिर्फ उनके परिवार को ख़तरा है बल्कि पूरे समाज में करोना वारिस जेसे ख़तरनाक वायरस के फैलने का डर है.
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