कोरोना वायरस: भारत को भी खतरा, दो लोगों के इससे पीड़ित होने की आशंका
मुंबई में कोरोना वायरस के दो संदिग्ध मामले सामने आए हैं. दोनों संदिग्धों को कस्तूरबा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. फिलहाल उनका परीक्षण कराया जा रहा है.
मुंबई: मुंबई में कोरोना वायरस के दो संदिग्ध मामले सामने आए हैं. दोनों संदिग्धों को कस्तूरबा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. फिलहाल उनका परीक्षण कराया जा रहा है. इस बीच कोरोना वायरस से चीन में 26 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 830 लोग संक्रमित हैं. बता दें कि छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 19 जनवरी से तमाम यात्रियों की जांच की जा रही है. इनका थर्मल स्क्रीनिंग किया जा रहा है. इनमें से दो की निगरानी चिंचपोकली के कस्तूरबा अस्पताल में किया जा रहा है.
दोनों मरीजों में हल्के सर्दी-जुकाम के लक्षण
जानकारी के मुताबिक चीन से लौटे दो लोगों के कोरोना वायरस (Corona virus) से संक्रमित होने की आशंका जताई जा रही है. दोनों मरीजों को कस्तूरबा अस्पताल में अलग वार्ड में भर्ती किया गया है. कस्तूरबा अस्पताल के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक दोनों मरीजों का हल्के सर्दी-जुकाम के लक्षण हैं. फिलहाल अस्पताल में भर्ती मरीजों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.
जानिये क्या हैं कोरोना वायरस ?
कोरोना असल में वायरसों का एक बड़ा समूह है जो जानवरों में आम है. सार्स (SARS) वायरस परिवार का एक नया सदस्य कोरोना वायरस है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार, यह वाइरस सी-फूड से जुड़ा है. यह मानी जा रही है कि इसकी शुरुआत चाइना के हुवेई प्रांत के वुहान शहर के एक सी-फूड बाजार से हुई है. कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति को सबसे पहले सांस लेने में दिक्कत, गले में दर्द, जुकाम, खांसी और बुखार होता है.
कोरोना वायरस के लक्षण
कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर सबसे पहले सांस लेने में दिक्कत, गले में दर्द, जुकाम, खांसी और बुखार होता है. यह बुखार फिर निमोनिया का रूप ले लेता है, जो कि किडनी से जुड़ी तमाम परेशानियों को बढ़ा देता है.
कोरोना वायरस से बचाव के उपाय
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए सबसे अच्छी नीति समुद्री भोजन से बचना है. कोरोना वायरस से बचाव को लेकर अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है. कहीं भी बाहर से आने या कुछ भी खाने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह साफ करें. साफ सफाई बहुत जरूरी है. आपको बता दें कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है, इसलिए डॉक्टर जोखिम को कम करने के लिए अन्य महत्वपूर्ण दवाओं का उपयोग कर रहे हैं.
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