`नहीं थी मजदूरों को निकालने की जानकारी`; DDA ने बुलडोजर चलाने के बाद दिया दूसरे घर का ऑफर, लेकिन नहीं मान रहे वकील!
DDA on Wakeel Hassan house demolition: रैट माइनर वकील हसन ने आरोप लगाया कि डीडीए ने उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के बुधवार को दिल्ली के खजूरी खास स्थित उनके घर को तोड़ दिया. मकान गिराने के बाद हसन और उसके परिवार ने बाहर सड़क पर रात बिताई.
DDA on Wakeel Hassan house demolition: दिल्ली में रैट माइनर वकील हसन का बुधवार को मकान गिरा दिया गया. वकील कोई आम रैट माइनर नहीं है, इनका सिल्कयारा (Uttrakhand) सुरंग बचाव अभियान में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने अब इनका मकान गिरा दिया है. हसन ने कहा कि लोगों को सुरंग से निकाला और सिर्फ एक चीज मांगी थी कि मेरे घर को मत गिराना, लेकिन बिना कोई पूर्व नोटिस के मेरा घर गिरा दिया गया. अब DDA ने कहा कि वकील हसन और उनके परिवार को एक अस्थायी आवास में ट्रांसफर करने की पेशकश की गई, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया.
समाचार एजेंसी PTI से बात करते हुए, 'हसन ने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि उन्हें अस्थायी रूप से वसंत कुंज के एक गेस्ट हाउस में ठहराया जाएगा और जल्द ही गोविंदपुरी इलाके में एक घर उपलब्ध कराया जाएगा, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया क्योंकि यह केवल एक मौखिक आश्वासन था.'
हसन ने आरोप लगाया कि डीडीए ने उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के बुधवार को दिल्ली के खजूरी खास स्थित उनके घर को तोड़ दिया. मकान गिराने के बाद हसन और उसके परिवार ने बाहर सड़क पर रात बिताई.
DDA ने कार्रवाई पर क्या कहा?
अपनी कार्रवाई पर कायम रहते हुए, डीडीए ने बाद में एक बयान में कहा कि एक प्राधिकरण के रूप में अपनी भूमिका में, वह अपनी भूमि पर अतिक्रमण या अपने विकास क्षेत्रों में अनधिकृत निर्माण की अनुमति नहीं दे सकता है. डीडीए ने यह भी कहा कि हसन को अपने घर की अतिक्रमण की स्थिति के बारे में पता था क्योंकि इसे पहले 2016 में हटा दिया गया था और 2017 में फिर से अतिक्रमण कर लिया गया था.
यह कहते हुए कि यह एक नियमित अतिक्रमण हटाने का अभियान था, डीडीए ने कहा कि बुधवार की कार्रवाई किसी विशेष व्यक्ति को लक्षित नहीं थी.
हमें पता नहीं था...
DDA ने एक बयान में कहा कि उत्तराखंड में बचाव अभियान में हसन के योगदान के बारे में जानने के बाद, DDA ने परिवार को समर्थन का हाथ बढ़ाया, लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया. हालांकि, शहरी निकाय ने स्पष्ट किया कि घर गिराने से पहले या उसके दौरान किसी भी समय, DDA अधिकारियों को उत्तराखंड में बचाव अभियान में हसन की भूमिका के बारे में पता नहीं था. बता दें कि नवंबर में उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने में वकील व अन्य टीम ने कड़ी मेहनत की थी.
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.