नई दिल्ली: दिल्ली और देश के तमाम राज्यों में कोरोना की लहर बेलगाम होती जा रही है. नए कोरोना मामलों के अलावा अब मौत के आंकड़ों में भी भारी उछाल देखने को मिल रहा है, जिससे कारण शमशान घाट और क्रबिस्तान में भारी संख्या में शवों को लाने का सिलसिला जारी है.


श्मशान घाट और कब्रिस्तान में जगह नहीं


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एक तरफ दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना संक्रमण मरीजों के परिजनों को बेड ढूढने पड़ रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर श्मशान घाट और कब्रिस्तान में जगह ढूंढनी पढ़ रही है.


हाल ये जो चुका है कि शमशान घाटों में परिजनों को पर्ची कटवाने के दौरान लाइन में लगना पड़ता है तो उसके बाद अंतिम संस्कार कराने के लिए इंतजार करना पड़ता है. शमशान घाटों पर भी एक के बाद एक दाह संस्कार किया जा रहा है. वहीं कब्रिस्तान में अब करीब 150 शवों की ही जगह बची हुई है.


1 अप्रैल से अब तक 170 शवों का अंतिम संस्कार


दिल्ली के निगमबोध शमशान घाट में 1 अप्रैल से अब तक 170 शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है वहीं शवों के आने का सिलसिला जारी है. दिल्ली के निगमबोध में कोविड शवों के लिए 3 सीएनजी और लकड़ी में 35 चिताओं की व्यवस्था कर रखी है.


दिल्ली के निगमबोध घाट के केयरटेकर अवदेश शर्मा ने न्यूज एजेंसी को बताया कि, 'पिछले 6 से 7 दिन से शवों की संख्या ज्यादा बढ़ गई है. बुधवार को 37 कोविड शवों का संस्कार किया गया है. हमारे यहां लोगों को इंतजार नहीं करना पड़ रहा, लेकिन हमारे यहां एक बड़ी परेशानी है कि अस्पतालों से एक साथ 8 शवों को एक ही बार मे भेज दे रहे हैं.'


उन्होंने बताया कि, 'एलएनजेपी अस्पताल से एक एम्बुलेंस में 8 कोविड शव आए हैं. 8 शवों के साथ उनके परिजन आएंगे, यदि आठों लोग पर्ची कटवाएंगे तो उनको तो समय लगेगा ही.'


निगमबोध घाट के पंडित विक्की शर्मा ने बताया कि, 'सीएनजी में एक शव को कम से कम 2 घंटे लगते हैं, जिसके बाद अगले शव का नम्बर आता है. यदि लकड़ी में संस्कार करना है तो कोई इंतजार नहीं करना पड़ेगा. लोग यही चाहते हैं कि वे लकड़ियों में ही संस्कार करें क्योंकि उनके पूर्वजों का लकड़ियों में ही संस्कार होता आया है.'


गुरुवार शाम तक कुल 14 शवों को दफनाया गया


दूसरी ओर दिल्ली के आईटीओ स्थित सबसे बड़े कब्रिस्तान 'जदीद अहले कब्रिस्तान इस्लाम' की भी कुछ ऐसी ही दास्तां है. कब्रिस्तान में गुरुवार शाम तक कुल 14 शवों को दफनाया जा चुका है वहीं कुछ शव अभी भी दफनाने के लिए रखे हुए हैं.


कब्रिस्तान में खड़ी जेसीबी मशीन सुबह से ही बिना रुके दफनाने वाली जगहों को खोदने में लगी हुई है. इतना ही नहीं दिल्ली के सबसे बड़े कब्रिस्तान में शवों को दफन करने की जगह में अब कमी आ गई है.


अधिकतम 150 शवों को दफनाने की बची है जगह


कब्रिस्तान के केयरटेकर मोहम्मद शमीम के मुताबिक 'कोविड ब्लॉक में लाशों को दफनाने के लिए अधिक से अधिक 150 की ही जगह ही बची हुई है. वहीं बीते 4 अप्रैल से ही लाशों के आने का सिलसिला जारी जो की पिछले हफ्ते भर से बहुत बढ़ गया.'


उन्होंने बताया कि 'इस साल अप्रैल महीने में एक दिन में सबसे ज्यादा शव लाए गए थे, जिनकी संख्या 20 से अधिक थी. यदि इसी तरह शव आते रहे तो कुछ हफ्तों बाद ही कब्रिस्तान की जगह कम पड़ जाएगी.'


इसे भी पढ़ें- Corona in India: भारत में विदेशी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल पर 3 दिन में होगा फैसला


दरअसल दिल्ली में पिछले 24 घंटे में दिल्ली में कोरोना के 17,282 नए मरीजों की पुष्टि हुई( Number of Corona Cases in Delhi)   और एक बार एक लाख से ज्यादा 1,08,534 सैंपल की जांच (Covid 19 Checkup) में 15.92 पॉजिटिव रेट दर्ज हुआ है.


इसे भी पढ़ें- Corona: ऑक्सफोर्ड का दावा, वैक्सीन से ब्लड क्लाटिंग की समस्या में आ रही है कमी


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.