नई दिल्ली: खतरनाक और जानलेवा नस्ल के कुत्तों पर प्रतिबंध लगाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने का अल्टीमेटम दिया है. बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायलय में एक याचिका दायर हुई थी, जिसमें अमेरिकन बुलडॉग, रॉटविलर, पिटबुल, और टेरियर्स जैसे घातक कुत्तों को पालने पर लाइसेंस जारी करने पर बैन  लगाने की मांग की गई थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने का समय दिया है.


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खतरनाक कुत्तों का लाइसेंस 
बता दें कि अमेरिकन बुलडॉग, रॉटविलर, पिटबुल, और टेरियर्स जैसे और भी तमाम जानलेवा और खतरनाक कुत्तों को पालने के शौक़ीन लाइसेंस बनवाकर इन कुत्तों को पालते हैं. आए दिन कुत्तों के हमले से कई लोग अपनी जान गवा चुके हैं. इसके बाद दिल्ली उच्च न्यायलय में एक याचिका दायर हुई थी, जिसमें अमेरिकन बुलडॉग, रॉटविलर, पिटबुल, और टेरियर्स जैसे घातक कुत्तों को पालने पर लाइसेंस जारी करने पर बैन  लगाने की मांग की गई थी. इस ज्ञापन पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को तीन महीने के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है. 


कोर्ट ने क्या कहा?
जानलेवा कुत्तों को लेकर अदालत में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अमेरिकन बुलडॉग, रॉटविलर, पिटबुल, और टेरियर्स, बैंडॉग, वुल्फ डॉग जैसी जानलेवा नस्ल के कुत्तों को पालने के लाइसेंस पर प्रतिबंध लगाने की ज़रूरत है. बता दें कि इस याचिका में ज़िक्र किया गया है कि इन कुत्तों ने अपने मालिक समेत तमाम लोगों पर जानलेवा हमला किया है, जिसमें कई लोगों की जान भी जा चुकी है. कोर्ट ने आगे कहा कि भारतीय नस्ल के कुत्तों का ध्यान रखने की जरूरत है. यहां के कुत्ते विदेशी नस्ल के कुतों से अधिक ताकतवर और सक्षम है. भारतीय नस्ल के कुत्ते जल्द बीमार नहीं पड़ते. अपनी याचिका में कानूनी वकील और बैरिस्टर लॉ फर्म ने आरोप लगाया था कि विदेशी नस्ल के कुत्ते जानलेवा और खतरनाक है यह भारत समेत अन्य 12 देशों में बैन हैं. यह कुत्ते अपने मालिक को भी नहीं छोड़ते हैं. बावजूद इसके दिल्ली नगर निगम अभी भी इन कुत्तों को  पंजीकरण कर रहा है.  


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