Neb Sarai area murder case: दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को बताया कि उसने नेब सराय इलाके में बुधवार सुबह अपने घर में एक दंपत्ति और उनकी बेटी के शव मिलने के मामले को सुलझा लिया है. पुलिस ने बताया कि पारिवारिक विवाद के चलते दंपत्ति के बेटे अर्जुन ने ही हत्या की थी.


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20 वर्षीय युवक ने शुरू में दावा किया था कि वह बाहर मॉर्निंग वॉक पर गया था, जब घर वापस आया तो उसने पाया कि घर पर माता-पिता और बहन की हत्या कर दी गई है. हालांकि, जांच में पता चला कि उसने हत्या की बात पहले पुलिस को नहीं बताई थी, बल्कि अपने एक रिश्तेदार को बताई.


अधिकारियों के अनुसार, हत्याओं के पीछे अर्जुन का उद्देश्य अपने पिता द्वारा अपमानित होने की गहरी भावना थी, साथ ही उसे यह पता चला कि उसके माता-पिता अपनी संपत्ति उसकी बहन के नाम करने की योजना बना रहे थे.


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कौन है अर्जुन?
मृतक दंपति के 20 वर्षीय बेटे अर्जुन तंवर ने अपने माता-पिता और बहन की हत्या करने की बात कबूल की है. उसने अपराध को अंजाम देने के लिए सेना के चाकू का इस्तेमाल किया. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अर्जुन तंवर दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज में राजनीति विज्ञान में डिग्री हासिल कर रहा था और एक प्रशिक्षित मुक्केबाज था. उसने राज्य मुक्केबाजी प्रतियोगिता में दिल्ली का प्रतिनिधित्व किया था, जहां उसने रजत पदक जीता था. उसने पहले धौला कुआं के आर्मी पब्लिक स्कूल में पढ़ाई भी की थी.


जांच के दौरान उसने पुलिस को बताया कि उसने सबसे पहले अपनी बहन की गला रेतकर हत्या की, जब वह सो रही थी. फिर वह ऊपर गया, जहां उसने अपने पिता की गर्दन पर चाकू से वार किया और अपनी मां का गला रेत दिया, जो शौचालय में थी.


हत्याओं के पीछे मकसद
पुलिस के अनुसार, अर्जुन अपने पिता से बदला लेने के लिए पागल था, जिसने उसे अपमानित किया था. उसने भाई-बहन में खुद को खराब बताए जाने के गुस्से में अपनी बहन की भी हत्या कर दी.


अधिकारियों ने यह भी कहा कि अर्जुन इस बात से परेशान था कि माता-पिता उसकी बहन को उससे ज़्यादा पसंद करते थे.


एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'अर्जुन के अपने पिता और परिवार के साथ संबंध अच्छे नहीं थे. उसके पिता एक पूर्व सैनिक थे. उसने अपराध करने के लिए सेना के चाकू का इस्तेमाल किया. हत्याओं के पीछे मकसद यह था कि वह अपने पिता द्वारा डांटे जाने से अपमानित महसूस करता था. दूसरा कारण भाई-बहन की प्रतिद्वंद्विता थी. गुस्से में, उसने उन्हें मारने की योजना बनाई और अपराध करने के लिए 4 दिसंबर की तारीख चुनी क्योंकि यह उसके माता-पिता की शादी की सालगिरह थी.'


माता-पिता की शादी की सालगिरह
अर्जुन ने अपने माता-पिता की 27वीं शादी की सालगिरह पर हत्या की योजना बनाई थी. दंपति इस दिन पर जश्न मनाना चाहता था, लेकिन बेटे के मन में कुछ और ही था.


बनाया प्लान
अर्जुन ने एक दृश्य रचा, जिसमें उसने बताया कि वह मॉर्निंग वॉक पर गया और व्यायाम कर रहा था और जब वापस आया तो घर पर शवों को देखा. उसने पुलिस को भी फोन किया और दावा किया कि उसके परिवार की हत्या कर दी गई है.


पुलिस ने बताया कि अपराध करने के बाद, अर्जुन ने अपने खून से सने कपड़े बदले, उन्हें अपने जिम बैग में रखा और संजय वन में गया, जहां उसने अपराध करने के लिए इस्तेमाल किए गए चाकू के साथ उन्हें फेंक दिया.


पुलिस ने बताया कि घर वापस आने के बाद, उसने वॉशरूम और घर में मौजूद अन्य सामानों में खून के धब्बे साफ करने की कोशिश की.


इसके बाद तंवर ने पुलिस को एक झूठा बहाना दिया, जिसमें दावा किया गया कि जब परिवार के सदस्यों की हत्या की गई, तब वह जिम में था.


संयुक्त पुलिस आयुक्त, दक्षिणी रेंज, एसके जैन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'घटनास्थल पर चोरी या जबरन प्रवेश का कोई निशान नहीं था, और शव बिस्तर पर पाए गए. यह स्पष्ट था कि यह डकैती या सेंधमारी का मामला नहीं था. सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की गई.' जैन ने कहा, 'धीरे-धीरे, हम उसके (अर्जुन के) बयानों में विरोधाभास देख रहे थे. अंत में, उसने अपने पिता, मां और बहन की हत्या की बात कबूल कर ली.'


जबरन प्रवेश के कोई संकेत नहीं
पुलिस को अपराध स्थल पर चोरी या जबरन प्रवेश के कोई संकेत नहीं मिले. शव बिस्तर पर पड़े मिले, उनके गले कटे हुए थे.


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