नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ एक नाबालिग पहलवान की ओर से दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के मामले को रद्द करने का मंगलवार को अनुरोध करते हुए अदालत के समक्ष अंतिम रिपोर्ट दाखिल की. साथ ही पुलिस ने नाबालिग और पहलवानों की ओर से लगाए गए आरोपों के दोनों मामलों में आरोपपत्र भी दाखिल किया.


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आरोपों के कोई पुष्ट सबूत नहीं मिले
पुलिस की रिपोर्ट में दावा किया गया कि नाबालिग की ओर से लगाए गए आरोपों के कोई पुष्ट सबूत नहीं मिले हैं. अदालत ने मामले को चार जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया. दिल्ली पुलिस ने अपने बयान में कहा कि नाबालिग पहलवान के बयान के आधार पर, उसकी ओर से दर्ज कराए गए मामले को रद्द करने के लिए ‘कैंसिलेशन रिपोर्ट’ अदालत में दाखिल की गई.


दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को सिंह के खिलाफ कनॉट प्लेस थाने में दो प्राथमिकी दर्ज की थीं. सिंह ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को खारिज किया है. बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि अगर उनके खिलाफ एक भी आरोप साबित हो जाता है तो वह फांसी लगा लेंगे.


बृजभूषण के खिलाफ दर्ज की थी दो एफआईआर 
इससे पहले न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि चार्जशीट में 150 से अधिक गवाहों के बयान हैं, लेकिन कहा गया है कि चार्जशीट 'कमजोर' है. दिल्ली पुलिस ने यौन उत्पीड़न के आरोपों के आधार पर बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ अप्रैल में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की थी.


पहली प्राथमिकी एक नाबालिग की ओर से लगाए गए आरोपों से संबंधित है और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत दायर की गई है.


दूसरी प्राथमिकी वयस्क शिकायतकर्ताओं की ओर से की गई शिकायतों की व्यापक जांच पर केंद्रित है और इसमें यौन प्रताड़ना से संबंधित आईपीसी की प्रासंगिक धाराएं लगाई गई हैं.