नई दिल्ली: महिला आयोग ने जिलाधिकारियों से 2017 से अब तक एसडीएम द्वारा किए गए निरीक्षणों, लगाए गए जुमार्ने की संख्या और वसूले गए जुमार्ने की कुल राशि की भी जानकारी मांगी है. आयोग ने जिला प्रशासन के पास वर्तमान में उपलब्ध जुर्माने की राशि का विवरण मांगा है.


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नियमों/दिशानिर्देशों की जानकारी भी मांगी


इसके अलावा, आयोग ने जुर्माने की राशि को जमा करने और उसका उपयोग करने के संबंध में सम्बंधित नियमों/दिशानिर्देशों की जानकारी भी मांगी है. साथ ही, जिला प्रशासन को जुर्माने के रूप में एकत्र की गई राशि में से जनवरी 2017 से अब तक किए गए खर्च का ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा गया है. आयोग ने जुर्माना राशि के उपयोग के लिए जिला प्रशासन द्वारा भेजे गए किसी भी लंबित प्रस्ताव की जानकारी भी मांगी है.


दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा, एसिड अटैक एक जघन्य अपराध है, और यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजधानी में एसिड की खुलेआम बिक्री हो रही है. तेजाब की खुदरा बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध समय की मांग है. आयोग इस नोटिस के माध्यम से दिल्ली में एसिड की अनियंत्रित बिक्री के साथ साथ जिला प्रशासन की जवाबदेही तय करने की कोशिश कर रहा है.


जुर्माना राशि के उपयोग को लेकर क्या कहा?


स्वाति मालीवाल ने कहा, 'इसके अलावा एसिड बिक्री के नियमन से संबंधित आदेशों के उल्लंघन के लिए एसडीएम द्वारा एकत्र की गई जुर्माना राशि का उपयोग एसिड अटैक पीड़िताओं के पुनर्वास के लिए किया जाना चाहिए. आयोग यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि ऐसा किया जा रहा है या नहीं.'


सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को दिए हैं कई निर्देश


दरअसल सर्वोच्च न्यायालय ने 'लक्ष्मी बनाम भारत संघ एवं अन्य' के मामले में भारत में एसिड हमलों को रोकने के लिए एसिड की बिक्री को विनियमित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को कई निर्देश दिए हैं.


इस संबंध में दिल्ली सरकार ने दिल्ली में एसिड की बिक्री को विनियमित करने के लिए एक आदेश पारित किया था जोकि किसी भी क्षेत्र के एसडीएम को आदेश के उल्लंघन के लिए 50,000 रुपये तक का जुर्माना लगाने का अधिकार देता है.


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