नई दिल्ली. विरोध प्रदर्शन और हिंसा का मूल रूप में आपसे में कोई लेना-देना नहीं है. नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध करने वाले लोग बरगलाये हुए वे लोग हैं जो किसी भी बहाने सरकार और देश पर हमला करने की फिराक में रहते हैं. इस तरह के ही एक तथ्य की सच्चाई जाननी चाही है केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने.


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मुजफ्फरनगर हिंसा में देवबंद की भूमिका संदेहास्पद 


बीजेपी के मुजफ्फरनगर से सांसद और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने शहर में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में देवबंद की भूमिका को सवालों के घेरे में खड़ा किया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'मुझे दी गई जानकारी के अनुसार हिंसा और आगजनी में 12 से 18 साल के बच्चों ने भी हिस्सा लिया है. यदि ये नाबालिग पत्थरबाजी की इस तरह की गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं तो ये तो अच्छी बात नहीं है. इन बच्चों को मदरसों में कौन भेजता है, इस बात की जांच होनी चाहिए। देवबंद भी पास में ही है, उसकी भी जांच हो सकती है।'


''गिरफ्तार नाबालिगों के साथ नरमी से पेश आया जाए''


 नागरिकता संशोधन कानून  के विरुद्ध प्रदर्शन के दौरान मुजफ्फरनगर में हुई हिंसा में दारूल उलूम देवबंद की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए संजीव बालियान ने कहा, 'मैंने प्रशासन से अपील की है कि कि पकडे गए नाबालिग बच्चों के साथ नरमी से पेश आया जाए और उनको एक अवसर दिया जाए, उनको बचने का अवसर दिया जाना चाहिए. इस हिंसा में शामिल होने के लिए इतने सारे लोग किसके इशारे पर उतरे अभी तक किसी राजनीतिक पार्टी या धार्मिक संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है.  इसलिए भी इसकी जांच होनी चाहिए।'



मदनी की भूमिका भी शक के घेरे में 


मुजफ्फरनगर के सांसद संजीव बालियान ने अपने चुनाव क्षेत्र में हुई हिंसा के पीछे जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव महमूद मदनी की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े किये हैं. महमूद मदनी 
 मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के महासचिव हैं


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