Farmers Protest: टूलकिट मामले में गिरफ्तार दिशा रवि 5 दिन की पुलिस रिमांड पर
टूलकिट मामले (Toolkit Case) में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने बेंगलुरु से दिशा रवि को गिरफ्तार किया है. इसके बाद उसे 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया.
नई दिल्ली: कृषि कानून के खिलाफ आंदोलनकारी किसानों को भड़काने व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब करने के लिए तैयार की गई टूलकिट मामले (Toolkit Case) में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने बेंगलुरु से दिशा रवि को गिरफ्तार किया है. इसके बाद उसे 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया.
साजिश के तहत चलाया गया था टूलकिट अभियान
किसान आंदोलन के मद्देनजर टूलकिट अभियान सोची समझी साजिश के तहत चलाया गया था. इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को गूगल और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से ‘टूलकिट’ बनाने वालों से जुड़े ईमेल आईडी, डोमेन यूआरएल और कुछ सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देने को कहा था.
जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और अन्य ने यह ‘टूलकिट’ ट्विटर पर साझा की थी.
कोर्ट ने 5 दिन की रिमांड पर भेजा
दिशा रवि को 13 फरवरी को बेंगलुरु के सोलादेवना हल्ली स्थित घर से गिरफ्तार किया गया. रविवार दोपहर दिशा को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर पांच दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है. टूलकिट मामले में दिशा की पहली गिरफ्तारी है और इससे पूछताछ के बाद अब आगे और भी गिरफ्तारियां होगी.
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गौरतलब है कि 22 वर्षीय दिशा फ्राइडे फॉर फ्यूचर इंडिया अभियान की संस्थापक है और टूलकिट गूगल डॉक के संपादकों में से एक है. यह दस्तावेज के निर्माण और प्रसार में महत्वपूर्ण साजिशकर्ता थी.
दिल्ली पुलिस ने किया बड़ा खुलासा
आपको बता दें कि टूल किट में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है. दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने भारत सरकार के खिलाफ सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक युद्ध छेड़ने के उद्देश्य से टूलकिट के ‘खालिस्तान समर्थक’ निर्माताओं के खिलाफ बृहस्पतिवार को प्राथमिकी दर्ज की थी.
अज्ञात लोगों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, राजद्रोह और अन्य आरोप में भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इससे पहले एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि शुरुआती जांच से पता चला है कि दस्तावेज के तार खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ से जुड़े हैं.
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पुलिस के अनुसार टूलकिट में एक खंड है, जिसमें कहा गया है 26 जनवरी से पहले हैशटैग के जरिए डिजिटल हमला, 23 जनवरी और उसके बाद ट्वीट के जरिए तूफान खड़ा करना, 26 जनवरी को आमने-सामने की कार्रवाई और फिर दिल्ली में और उसकी सीमाओं पर किसानों के मार्च में शामिल हों.
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