नई दिल्ली: नागरिकता संशोधित कानून की आड़ में देश को जलाने की साजिश रचने वालों ने दंगा भड़काने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. CAA के साथ-साथ डिटेंशन सेंटर को लेकर भी तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं. लेकिन इसमें से ज्यादातर लोगों को डिटेंशन सेंटर के बारे में रत्ती भर भी जानकारी नहीं है.


क्या आपको डिटेंशन सेंटर के बारे में पता है?


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही इस सेंटर को लेकर सबकुछ साफ कर दिया है. सबसे पहले आप ये पढ़िये जो पीएम मोदी ने डिटेंशन सेंटर को लेकर उड़ रही अफवाहों को खूब खरी-खोटी सुनाई. पीएम मोदी ने इस मसले पर कहा कि 'मैं हैरान हूं, इस अफवाह में अच्छे-अच्छे पढ़े लिखे भी पूछ रहे हैं. कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई डिटेंशन सेंटर की अफवाहें सरासर झूठ है. देश को तबाह करने वाली नापाक इरादों से भरी पड़ी है, ये झूठ है.'


पीएम मोदी की इस ललकार को पढ़ने के बाद काफी हद तक उलझने सुलझ गई होंगी. लेकिन आपको सबसे पहले असम के ग्वालपाड़ा की कुछ हकीकत आपके सामने रखते हैं. ज़ी मीडिया के विशेष पड़ताल में इस डिटेंशन सेंटर की पूरी जानकारी इकट्ठा की गई.


देश में डिटेंशन सेंटर के 'सच' और 'झूठ' का नंबर गेम


देश में डिटेंशन सेंटर का सच क्या है. असम के ग्वालपाड़ा में बन रही डिटेंशन सेंटर की बिल्डिंग है. जो 2.5 हेक्टेयर जमीन पर ये बन रहा है. इस सेंटर में 3000 लोगों को रखने का प्रावधान किया जा रहा है. आपको बता दें, इस सेंटर में कुल 15 बिल्डिंग बनाई जा रही हैं. इसमें 13 बिंल्डिंग पुरुषों और 2 में महिलाओं के लिए लिए बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा इस डिटेंशन सेंटर में 130 शौचालय बनाए जा रहे हैं. साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर यहां 20 फीट ऊंची बाहर की चारदीवारी भी बनाई जा रही है. इसमें कुल लागत करीब 45 करोड़ की आ रही है.


गृह राज्यमंत्री किशन रेड्डी ने दी जानकारी


लोकसभा में गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी के जवाब के मुताबिक असम में कुल 6 डिटेंशन सेंटर हैं. इसमें 970 लोग रहते हैं. सबसे ज्यादा लोग तेजपुर सेंटर में रहते हैं.


322 लोग- तेजपुर सेंटर
201 लोग- ग्वालपाड़ा सेंटर
196 लोग- जोरहाट सेटर
140 लोग- कोकराझार सेंटर
71 लोग- सिलचर सेंटर
40 लोग- डिब्रूगढ़ डिटेंशन सेंटर में रखे गए हैं.


नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में जारी व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बीच कर्नाटक में खोला गया पहला डिटेंशन सेंटर शुरू होने जा रहा है. बेंगलुरु के पास सोंडेकोप्पा गांव में बना इस डिटेंशन सेंटर में तय समय से ज्यादा रुके अफ्रीकी और ड्रग्स पैडलर को रखने की योजना है. हालांकि, कर्नाटक में कुल 114 अवैध रूप से रह रहे बंगलादेशियों की पहचान की गई है.


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यहां आपको ये जानना बेहद जरूरी है कि केंद्र सरकार की तरफ से साल 2009, 2012, 2014 और 2018 में सभी राज्यों को डिटेंशन सेंटर बनाने को कहा गया था.


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