डॉक्टरों की सलाह- ओमिक्रॉन से डरने की जरूरत नहीं, ये उतना घातक नहीं है
देशभर में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं, इस बीच लोगों को चिंता सता रहा है और ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर भी लोगों में खौफ पसरा हुआ है. ऐसे में डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स ने लोगों को ये सलाह दी है कि इससे डरने की जरूरत नहीं है.
नई दिल्ली: ओमिक्रॉन से डरने की जरूरत नहीं, क्योंकि ये डेल्टा वैरिएंट की तरह घातक नहीं है. ऐसा एक्सपर्ट्स का मानना है. नई रिसर्च उम्मीद से भरी है. इसके मुताबिक ओमिक्रॉन कोरोना के खात्मे की पहली सीढ़ी है. आने वाले वक्त में कोरोना फ्लू जैसी साधारण बीमारी बन जाएगा.
कोरोना से डरना नहीं, लड़ना है!
दुनिया भर से आ रही रिपोर्ट बता रही हैं कि ओमिक्रॉन से मौतों का आंकड़ा डेल्टा के मुकाबले काफी कम है. यानी वैक्सीनेशन और इंफेक्शन से हर्ड इम्युनिटी बढ़ेगी और महामारी अंत की तरफ बढ़ेगी. ज़ी मीडिया ने कई डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स से बात की और ये समझने की कोशिश की कि कोरोना का न्यू वैरिएंट ओमिक्रॉन कितना खतरनाक है.
दिल्ली के मैक्स अस्पताल के आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. रोमिल टिक्कू ने बताया कि 'इस वक्त हमें दुनिया देखनी चाहिए. क्योंकि पूरी दुनिया के ऐसे ही हालात हैं, अमेरिका और फ्रांस में देखकर ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी तेजी से कोरोना फैल रहा है. इंडिया में केस बढ़ने से परेशान होने की जरूरत नहीं है. सरकार ने इसको लेकर उचित कदम भी उठाया है. इसकी एक फजीहत है कि ये बच्चों में बहुत फैल रहा है, क्योंकि बच्चे वैक्सीनेटेड नहीं हैं. कोविड में ये चीज पहली बार देखा जा रहा है कि बच्चों में इतनी तेजी से वायरस फैल रहा है.'
ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित होने पर एंटीबॉडी कई गुना ज्यादा बन रही हैं. यही वजह है देश के कई मेडिकल एक्सपटर्स कह रहे हैं कि ओमिक्रॉन संक्रमितों की संख्या भले बढ़ रही हो लेकिन इससे परेशान होने या घबराने की जरूरत नहीं है.
EHCC हॉस्पिटल जयपुर के मेडिकल डायरेक्टर और वरिष्ठ फिजिशियन डॉ आर.एस खेदर ने बताया कि 'पिछले वेव की तुलना में इस बार ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है. ओमिक्रॉन की डेथ रेट भी काफी कम है. अमेरिका में तो ये कहा गया है कि पांच दिन के अंदर ही ये वायरस गायब हो जाता है. वहां कोविड का आइसोलेशन पीरियड 5 दिन कर दिया गया है.ये एक बड़ा मैसेज है कि हमें ओमिक्रॉन से डरने की जरूरत नहीं है.'
फ्लू की तरह हो जाएगा कोरोना
डायरेक्टर ऑफ डिस्चार्ज प्लानिंग डॉ. रवि गोडसे ने बताया कि इन्फ्लूएंजा और चिकन पॉक्स पहले खतरनाक थे. अब इन्फ्लूएंजा एक-दो दिन में ठीक हो जाता है. चिकन पॉक्स अब दोबारा नहीं होता. 50 साल पहले बीमारियों से हर्ड इम्युनिटी मिली. बीमारियां खत्म नहीं कमजोर हो गईं.
हालांकि इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि लोग वैक्सीन ना लगवाएं और जानबूझकर कर Omicron से संक्रमित हो जाएं. एक्सपर्ट का मानना है कि कोरोना से मुकाबले के लिए वैक्सीनेशन सबसे जरूरी है.
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IMCR के पूर्व निदेशक डॉ. एन के गांगुली ने ज़ी मीडिया से बात करते हुए कहा कि भले ही ओमिक्रॉन उतना खतरनाक नहीं है, लेकिन सभी को सावधानी बरतनी होगी. लापरवाही भारी पड़ सकती है. इसलिए कोविड गाइडलाइंस का पालन करना अनिवार्य है.
ओमिक्रॉन से घबराने की जरूरत नहीं, लेकिन फिर भी ओमिक्रॉन से बचाव के लिए सावधानी बेहद जरूरी है. दो गज की दूरी और मास्क बेहद जरूरी है. कोरोना के खिलाफ लड़ाई में डरना नहीं लड़ना है. ऐसे में वैक्सीन अवश्य लें और मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें.
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