विरोध के कारण नहीं बदली जाएंगी सीबीएसई के एग्जाम की तारीखें
भारद्वाज ने कहा, `1929 से सीबीएसई बोर्ड ने एग्जाम के डेट को कभी बदलाव या रीशेड्यूल नहीं किया है. इस साल भी परीक्षाओं का आयोजन योजना के मुताबिक ही होगा. यह एक राष्ट्रीय महत्व की परीक्षा है और कई छात्रों का भविष्य इस पर निर्भर करता है. पहले भी कई मौकों पर कर्फ्यू के दौरान भी छात्रों को ऐडमिट कार्ड दिखाने के बाद परीक्षा स्थल तक जाने की अनुमति दी गई है.
नई दिल्लीः देश भर में नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. उन विरोध प्रदर्शनों की वजह से कई राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय और प्रवेश परीक्षाओं की डेट बदल गई है. कई यूनिवर्सिटियों ने भी अपने इंटर्नल एग्जाम को फिलहाल टाल दिया है जो बाद में होंगे. सीबीएसई एग्जाम को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही थीं कि शायद परीक्षा के शेड्यूल में बदलाव हो. लेकिन सीबीएसई के कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशंस संयम भारद्वाज ने यह स्पष्ट किया है कि परीक्षाएं अपने शेड्यूल के मुताबिक ही होंगी और घोषित तारीखों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.
1929 से कभी नहीं बदलीं तारीखें
भारद्वाज ने कहा, '1929 से सीबीएसई बोर्ड ने एग्जाम के डेट को कभी बदलाव या रीशेड्यूल नहीं किया है. इस साल भी परीक्षाओं का आयोजन योजना के मुताबिक ही होगा. यह एक राष्ट्रीय महत्व की परीक्षा है और कई छात्रों का भविष्य इस पर निर्भर करता है. बोर्ड को परीक्षा को बेहतर ढंग से आयोजित करने के लिए राज्य सरकारों और स्कूलों की सभी संभव सहायता मिलती है. पहले कई मौकों पर कर्फ्यू के दौरान भी छात्रों को ऐडमिट कार्ड दिखाने के बाद परीक्षा स्थल तक जाने की अनुमति दी गई है.
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ध्यान रहे कि 10वीं और 12वीं क्लास की परीक्षा 15 फरवरी, 2020 से शुरू होगी. पहले परीक्षा मार्च में होती थी लेकिन पिछले साल से बोर्ड ने इसे फरवरी में शिफ्ट कर दिया है. 12वीं क्लास का एग्जाम 30 मार्च को समाप्त होगा जबकि 10वीं क्लास का 20 मार्च को. तीस लाख से ज्यादा छात्रों को सीबीएसई बोर्ड परीक्षा देने की उम्मीद है.
नागरिकता कानून के विरोध को लेकर लगाई जा रही थीं अटकलें
देश भर में जारी नागरिकता कानून के विरोध को लेकर कहा जा रहा था कि सीबीएसई अपने परीक्षाओं की तारीखें बदल सकता है. दरअसल जनवरी में प्रैक्टिकल होने हैं, और इसकी तारीखें नजदीक हैं. नागरिकता कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शन इसमें खलल डाल सकते हैं क्योंकि पिछले दिनों कई ऐसे मौके रहे जब स्कूल बंद करने पड़े थे. ऐसे में अगर परीक्षा वाले दिन फिर से कोई बवाल होता है तो इस स्थिति से निपटने के लिए कोई स्पष्ट प्लान नहीं है. आने वाली 26 फरवरी से लिखित परीक्षाएं भी शुरू हो जाएंगी, हालांकि उम्मीद है कि तब तक नागरिकता कानून के विरोध की आग कुछ ठंडी पड़ जाएगी.