गंगटोकः कोरोना संकट के इस दौर में प्राकृतिक आपदाएं भी समानांतर चल रही हैं. यानी 2020 के इस साल साल में मौत का खतरा पूरी तरह बना हुआ है. हर वक्त दोधारी तलवार है. इडुक्की में भूस्खलन, केरल में विमान हादसा और देशभर में भूकंप को लगातार आ ही रहे हैं, भले ही उनकी तीव्रता हल्की है, लेकिन रोज आने वाला यह भूकंप किसी तेज अलार्म की तरह है जो चेतावनी दे रहा है कि बड़ी आपदा आने ही वाली है. 


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सिक्किम और झिंगयांग प्रांत में हिली धरती
भूकंपों की इस श्रृंखला में एक बार फिर सिक्किम का नाम जुड़ गया है. इसके साथ ही भारतीय सीमा से सटे चीन के झिंयांग प्रांत में भी दोपहर बाद भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मॉलजी ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है. झिंयांग प्रांत में 4.1 तीव्रता का मध्यम तीव्रता का भूकंप आया है.



सुबह पौने सात बजे लगे भूकंप के झटके
जानकारी के मुताबिकस सिक्किम राज्य के पूर्वी हिस्सों में रविवार को भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. इनकी तीव्रता 3.8 मैग्नीट्यूड रही. सुबह 6 बजकर 49 मिनट पर जब लोगों को इसका अहसास हुआ तो वह कुछ घबरा गए.



हालांकि हल्की तीव्रता के इस भूकंप के कारण कोई जान-माल की हानि नहीं हुई है. बीते एक महीने से पूर्वोत्तर के राज्यों में लगातार भूकंप आ रहे हैं. असम, मिजोरम, मेघालय, सिक्किम की डरती एक-एक करके डोल रही है. 


सिक्किम 10 किमी गहराई में था केंद्र
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मॉलजी के मुताबिक, सिक्किम में आय़ा यह भूकंप हल्की तीव्रता का था. इसका केंद्र भूमिगत गहराई में 10 किमी नीचे था. पिछले दिनों भूवैज्ञानिकों की ओर से बताया गया है कि हिमालयी प्लेटों में परिवर्तन और हलचल के कारण देश के अलग-अलगल हिस्सों में लगातार भूकंप आ रहे हैं. 


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