नई दिल्लीः दिल्ली का चुनावी मैदान सजता है तो सबसे पहले पोस्टर की चमक बिखरती है और सोशल मीडिया इससे पटने लगता है. बिहार का चुनाव इससे थोड़ा अलग है. हालांकि कोरोना संकट के बीच चुनावी समर कैसा रहेगा इसकी पूरी तस्वीर तो नहीं दिख रही है, लेकिन जो दिख रहा है वह है वर्तमान सीएम नीतीश कुमार का पोस्टर.. जो पूरे दम के साथ कहने कि कोशिश कर रहा है. हां मैं हूं नीतीश कुमार..
आप सही पढ़ रहे हैं और आगामी दिनों में सियासी-चुनावी मंचों से यही नारा सुनने भी वाले हैं. जदयू की ओर एक से एक पोस्टर जारी हुआ है, जिसमें नारा दिया गया है कि 'हां मैं नीतीश कुमार हूं.' बिहार में लगातार फैल रहे कोरोना संक्रमण के बीच विधानसभा चुनाव को लेकर सभी प्रमुख पार्टियों ने अपने अपने तरीके से प्रचार करना शुरू कर दिया है.
पोस्टर ब्वॉय के सामने कई दुश्वारियां हैं
सीएम साहब ने पोस्टर तो लॉन्च कर दिया है, लेकिन इस चुनावी टैग लाइन को बोलने के लिए जो दम-खम चाहिए, जदयू प्रमुख के लिए वह जुटा पाना मुश्किल ही होगा. आखिर किस मुंह से सीएम कुमार मंच तक पूरे जोश से यह कहने जाएंगे, मैं हूं नीतीश कुमार. पोस्टर पर तस्वीरें भले ही कितनी भी चमकीली हो लेकिन बिहार के लोग राज्य की जो तस्वीर देख रहे हैं, उसे कैसे झुठला पाएंगे.
आलम यह है कि पूरा बिहार इस वक्त पानी-पानी है और जलभराव की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तैर रही हैं. कोरोना संकट और उससे संभल ने पाने वाली स्थिति को चुनाव तक कोई भुला पाए नामुमकिन है. लॉकडाउन में जब बिहार के छात्र और प्रदेश के मजदूर जो अन्य राज्यों में फंसे थे और बिहार लौट आने के लिए गुहार लगा रहे थे. जनता मतदान के समय यह भी तो याद रखेगी.
उद्घाटन के एक महीने में बहा पुल
अभी उद्घाटन के महज एक माह बाद ही गोपालपुर में पुल बह गया. कोविड केयर सेंटर तक डॉक्टर ठेले पर आते-जाते दिखे. पिछले सालों के बाढ़ के पानी, जलभराव, चमकी बुखार और तमाम दुश्वारियों को जनता इस पोस्टर के आगे भुला दे, ऐसा लगता तो नामुमकिन है.
तो जब सीएम साहब मंच से दहाड़ लगाने की कोशिश करेंगे कि हां मैं नीतीश कुमार हं तो कहीं ऐसा न हो कि जनता भी जवाब दे दे हां, हम जानते हैं... और जनता क्या जानती है, ये हम-आप जानते हैं..
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