रांची. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से प्रवर्तन निदेशालय ने खत लिखकर सवाल पूछे हैं. एजेंसी ने एक बार फिर खत लिखकर पूछा है कि वे बयान दर्ज कराने के लिए क्यों उपस्थित नहीं हो रहे हैं? एजेंसी का कहना है कि इससे जांच में बाधा उत्पन्न हो रही है. एजेंसी ने खत का जवाब देने के लिए हेमंत सोरेन को 20 जनवरी तक का वक्त दिया है.
 
उपस्थित होने को भी कहा गया
खत के साथ ही एजेंसी ने हेमंत सोरेन को उपस्थित होने को भी कहा है. दरअसल एजेंसी जमीन घोटाले के मामले में ईडी हेमंत सोरेन का बयान दर्ज करना चाहती है. इसके लिए उन्हें बीते 29 दिसंबर को सातवां समन भेजा गया था, जिसे एजेंसी ने आखिरी समन बताते हुए सात दिनों के अंदर बयान दर्ज कराने को कहा था.


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भेजे जा चुके हैं सात समन
बता दें कि अब तक हेमंत सोरेन को ईडी की तरफ से सात समन भेजे जा चुके हैं. आखिरी समन बीते 29 दिसंबर को भेजा गया था. एजेंसी ने हेमंत से कहा था कि वे दो दिनों के अंदर ऐसी जगह तय करके सूचित करें, जहां उनका बयान दर्ज किया जा सके. यह जगह दोनों पक्षों के लिए उपयुक्त होनी चाहिए. लेकिन सोरेन हाजिर नहीं हुए. बाद में 2 जनवरी को उनकी तरफ से एजेंसी द्वारा बार-बार समन भेजे जाने पर सवाल खड़े किए गए थे. साथ ही इसकी वैधता पर भी सवाल उठाए गए थे.


मुख्यमंत्री ने कहा-राजनीति से प्रेरित
मुख्यमंत्री का कहना है कि समन भेजने की खबर उनसे पहले मीडिया तक पहुंचाई जाती है, जिसकी वजह से उन्हें मीडिया ट्रायल का सामना करना पड़ रहा है. हेमंत का कहना है कि सभी मामलों में अपना पक्ष स्पष्ट रूप से पहले ही रख दिया है. इसके बावजूद उन्हें भेजा जा रहा समन राजनीति से प्रेरित लगता है और ऐसा करके उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है.


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