नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के परस्पर विरोधी गुटों की दलीलें सुनने के लिए सोमवार को पांच जनवरी की तारीख तय की. दोनों गुटों के वकीलों ने सोमवार को एक सुनवाई के दौरान पार्टी के नाम एवं चिह्न पर दावा करने के लिए प्रतिद्वंद्वी समूहों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की पड़ताल के लिए और समय मांगा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

चुनाव आयोग सुनेगा दोनों गुटों की दलीलें
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और महेश जेठमलानी पूर्ण निर्वाचन आयोग के समक्ष क्रमशः ठाकरे गुट और शिंदे गुट की ओर से पेश हुए. शिवसेना का ठाकरे गुट कहता रहा है कि वह दूसरे गुट को मान्यता नहीं देता है.


ठाकरे गुट से ताल्लुक रखने वाले राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'हम किसी समूह को मान्यता नहीं देते. शिवसेना वहीं है, जहां ठाकरे हैं.' आयोग ने पिछले महीने शिवसेना के गुटों से कहा था कि वे पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर अपने दावे के समर्थन में 23 नवंबर तक नए दस्तावेज पेश करें.


'धनुष और तीर' चिह्न के इस्तेमाल पर रोक
इसने यह भी कहा था कि वह आयोग को सौंपे गए दस्तावेजों का एक-दूसरे के साथ आदान-प्रदान करें. अक्टूबर में एक अंतरिम आदेश में, आयोग ने दोनों गुटों को पार्टी के नाम या उसके 'धनुष और तीर' चिह्न का उपयोग करने से रोक दिया था. बाद में, इसने ठाकरे गुट को 'शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे' और शिंदे गुट को 'बालासाहेबंची शिवसेना' नाम दिया था.
(इनपुट: भाषा)


इसे भी पढ़ें- 7th pay commission: कर्मचारियों के बकाया डीए और फिटमेंट फैक्टर को लेकर खुशखबरी लाएगा नया साल! जानिए क्या है अपडेट


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.