विधानसभा सत्र से पहले विधायकों संग मंथन, राजस्थान कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट बीच शुरू हुआ राजनीतिक गतिरोध अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. राजस्थान कांग्रेस में अंदरूनी खिंचाव अब भी जारी है.
जयपुर: राजस्थान में विधानसभा सत्र की शुरुआत कल से होने जा रही है. दोनों नेताओं के बीच चल रहा गतिरोध विपक्ष, मीडिया और कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के लिए भले ही खत्म हो गया हो लेकिन अंदरूनी खिंचाव अब भी जारी है. अशोक गहलोत ने विधायकों के साथ बैठक करके सभी को पार्टी की निष्ठा के प्रति ईमानदार रहने का पाठ पढ़ाया. अब तक सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच कोई भी मुलाकात नहीं हुई है जो कई संकेत कर रही है.
हमारी लड़ाई लोकतंत्र बचाने की है- अशोक गहलोत
अशोक गहलोत ने लिखा कि कांग्रेस की लड़ाई तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में डेमोक्रेसी को बचाने की है. पिछले एक माह में कांग्रेस पार्टी में आपस में जो भी नाइत्तेफ़ाकी हुई है, उसे देश के हित में, प्रदेश के हित में, जानकर फॉरगेट और फॉरगिव करना चाहिये अर्थात आपसी टकराव को भूलकर दूसरे को क्षमा कर देना चाहिए. अशोक गहलोत की बातों से लगता है कि गलती केवल सचिन पायलट की है उनकी कोई गलती नहीं है.
क्लिक करें- नृत्य गोपाल दास कोरोना पॉजिटिव, बेहतर इलाज के लिए सीएम योगी ने DM को दिए आदेश
पुरानी बातें भूलने का दिखावा
अशोक गहलोत लगातार पुरानी बातें भूलने का दावा कर रहे हैं लेकिन उनकी बातों से सचिन पायलट की वापसी की टीस साफ दिखाई पड़ती है. राजस्थान की राजनीति में अशोक गहलोत के लिए सचिन पायलट एक कांटे की तरह हमेशा उन्हें चुभते रहे.
पायलट गुट के विधायकों की अनदेखी
विधायक दल की बैठक में अशोक गहलोत ने सचिन पायलट के गुट की अनदेखी की. गहलोत कैंप इस ड्रामे को इतनी आसानी से नहीं भुला पा रहा है. सुलह के बाद खबर आई थी कि पायलट के पार्टी आलाकमान के साथ हुई सुलह से गहलोत कैंप के विधायक नाराज थे. सूत्रों के हवाले से जानकारी आई थी कि जैसलमेर के होटल में रुके हुए विधायकों की एक बैठक हुई थी, जिसमें इन बागी विधायकों पर कार्रवाई की मांग की गई थी. प्रियंका गांधी के दखल के बाद इनकी कांग्रेस में वापसी हुई है.