नई दिल्ली: किसान आंदोलन लगातार जोर पकड़ रहा है. 8 दिसंबर को किसानों ने भारत बंद बुलाया है. सरकार और किसानों के बीच 5 बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. हम आपको बताते हैं किन राजनीतिक दलों ने भारत बंद को सपोर्ट किया है.


'भारत बंद' का समर्थन


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    कांग्रेस

  • NCP

  • AAP

  • टीआरएस

  • डीएमके

  • सीपीआई

  • सीपीआई (एम)

  • सीपीआई (एमएल)

  • आरएसपी

  • ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक


जहां एक तरफ सियासी पार्टियों ने भारत बंद का समर्थन किया है. मजदूर संगठनों ने भी इस बंद का समर्थन करने का ऐलान किया है. वहीं किसानों के 'भारत बंद' के समर्थन में कौन से मजदूर संगठन हैं, हम आपको बताते हैं.


1. इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस
2. ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस
3. हिंद मजदूर सभा
4. सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स
5. ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर
6. ट्रेड यूनियन कॉर्डिनेशन सेंटर
7. सेल्फ इम्प्लॉइड वीमंस एसोसिएशन
8. ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स
9. लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन
10. यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस


आंदोलन को और तेज करना होगा


तीनों कानून वापस लेने होंगे. अगर यह कानून वापस नहीं होगा, तो हम कोई समझौता नहीं करेंगे. सब मिलकर आओ आंदोलन करो. मोदी जी किसानों की मन की बात सुनिए. हम अपने आंदोलन को आगे मजबूती के साथ बढाएंगे. ये बिल कार्पोरेट सेक्टर के लिये बनाया गया है.


किसान नेता ने कहा कि अगले दो दिन मे ये आदोलन पूरे देश मे फैलने वाला है. अब वापस जाने का कोई रास्ता नहीं है. अंबानी आडानी वाला कानून मोदी सरकार को वापस लेना होगा. हजारों किसान अगले दो दिन मे दिल्ली को घरने के लिये आएंगे. बाजार मंडी बंद रहेगी, रास्ते जाम होंगे. मजदूर सगठन भी हमारे साथ हैं. ये बंद बहुत बडे पैमाने पर आगे जायेगा. तीन कानून और बिजली बिल सरकार वापस ले. ये किसानों का आंदोलन नहीं देश की जनता का आदोलन है.


किसान आंदोलन का आज 11वां दिन


केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि कांग्रेस किसानों को भड़का रही है. बॉक्सर विजेंदर सिंह ने खेल रत्न लौटाने का ऐलान किया. केंद्र सरकार कृषि कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है. 8 दिसंबर को किसानों ने भारत बंद बुलाया है. सरकार और किसानों की अगली बातचीत 9 दिसंबर को होगी. किसानों ने सरकार से हां या ना में जवाब मांगा है.


किसान आंदोलन कब ख़त्म?


पहली बैठक 14 अक्टूबर
दूसरी बैठक 13 नवंबर
तीसरी बैठक 1 दिसंबर
चौथी बैठक 3 दिसंबर
पांचवी बैठक 5 दिसंबर


11 दिन, पांच बैठकें और नतीजा सिफर.. किसानों और सरकार के बीच अब तक 5 वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई समाधाम निकलता नज़र नहीं आ रहा है. पांचवें दौर की बेनतीजा बैठक के बाद देश के मन में यही सवाल है कि किसान आंदोलन खत्म होगा या बढ़ेगा.


11 दिन बीत चुके हैं और किसान पूरी तैयारी के साथ अपनी मांगों पर डटे हुए हैं. सरकार ने समय मांगा है लेकिन किसानों ने आंदोलन तेज़ करने का मन बना लिया है. किसानों ने आठ दिसंबर को ‘भारत बंद’ का ऐलान किया है और चेतावनी दी कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो वो दिल्ली तरफ जाने वाली और सड़कों को बंद कर देंगे.


8 दिसंबर को किसानों के भारत बंद के दौरान ऐसी ही तस्वीरें देखने को मिल सकती है. रोड जाम हो सकते हैं रेल सेवाए प्रभावित हो सकती हैं बंद का व्यापक असर देखने को मिल सकता है. बाजार से लेकर सामान्य जीवन तक पर बुरा असर पड़ने की पूरी संभावना है. फिलहाल सरकार और किसानों दोनों का रवैया अभी नरम है लेकिन किसान आंदोलन तेज़ करने की चेतावनी दे रहे हैं.


सरकार भी आंदोलनकारियों से निपटने के एहतियाती कदम उठाती दिख रही. जिसकी कुछ तस्वीरें दिल्ली के बॉर्डर से आई जहां किसी भी हालात से निपटने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए जा रहे हैं.


तो क्या किसानों को भड़का रही है कांग्रेस?


किसानों के भारत बंद को कांग्रेस ने समर्थन का ऐलान किया है कांग्रेस का कहना है की वो 8 दिसंबर को भारत बंद को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत लगाएगी. तो वहीं कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बड़ा बयान दिया है उन्होंने किसान आंदोलन में कांग्रेस पर किसानों को भड़काने का आरोप लगाया है.


तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग लेकर हजारों-हजार किसान सड़क पर हैं. दिल्ली से लगने वाली सीमाएं पहले से ही ब्लॉक कर दी गई हैं और अब किसानों ने भारत बंद का ऐलान किया है जरूरी सेवाओं को छोड़कर दिल्ली से लगने वाले हर बॉर्डर पर किसान संगठन मौजूद है 8 दिसंबर को भारत बंद वाले दिन, देशभर में चक्का जाम की तैयारी है. केंद्र सरकार भी इस संवेदनशील हालात से अच्छी तरह वाकिफ है. आंदोलनरत किसान अगर शांति का रास्ता छोड़ दिया तो खामियाज़ पूरे देश को भुगतना पड़ सकता है.


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