नई दिल्लीः लालकिला हिंसा कांड के 15 दिन बाद करनाल से पकड़ा गया इसका लखटकिया इनामी आरोपी दीप सिद्धू. इस दौरान वो पुलिस को लगातार चकमा देता रहा.अपने पंजाब भागने की खबर उड़ाई. फेसबुक पर वो वीडियो कैलिफोर्निया की आईडी से डलवाता रहा. ये सबकुछ इसलिये ताकि पुलिस के हत्थे चढ़ने से बच सके. दीप सिद्धू की गिरफ्तारी से लालकिला हिंसा कांड की साजिश पूरी तरह खुलने की उम्मीद बन रही है. कई ऐसे सवाल सामने हैं, जो लालकिला कांड की टूटी कड़ियों को जोड़ सकते हैं?


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इन सवालों पर एक नजर डालते हैं-
मसलन, वो कौन लोग हैं, जिनकी मदद से दीप सिद्धू पिछले 15 दिनों से पुलिस को चकमा दे रहा था?
दीप सिद्धू को करनाल से बाहर आखिर कहां भेजने की तैयारी थी?
क्या उसे हिन्दुस्तान से बाहर भगाने की तैयारी थी, ताकि लालकिला कांड के मास्टरमाइंड तक पुलिस न पहुंच सके?


कई राज आएंगे सामने
जाहिर है, दीप सिद्धू की गिरफ्तारी से 'गणतंत्र से गदर' के कई राज खुलने हैं. किसान आंदोलन में घुसपैठ की साजिश की परतें उघरनी है, हिन्दुस्तान मे अराजकता को हवा देने के लिए हो रही विदेशी फंडिंग का शातिराना खेल खुलना है. पूरी बात ये है कि 'मोहरे' के गिरफ्तार होने से राजदार सांसत में हैं.



26 जनवरी को लालकिला हिंसा कांड के बाद से दीप सिद्धू ने अपने मोबाइल फेसबुक को बंद कर दिया था, ताकि पुलिस को उसकी लोकेशन न मिल सके. वो जो वीडियो बनाता था, उसे कैलिफोर्निया से सोशल मीडिया पर डाला जाता था.


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'कैलिफोर्निया कनेक्शन' की तीन कड़ियां जुड़ीं
दीप सिद्धू की गिरफ्तारी के बाद पुलिस फिलहाल ज्यादा खुलासा करने से बच रही है. कहा जा रहा है कि कैलिफोर्निया से दीप सिद्धू की एक दोस्त उसका वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करती थी. हालांकि अभी तक ये खुलासा नहीं हो पाया है कि दीप सिद्धू की वो दोस्त कौन है? सवाल ये भी है कि आखिर उसकी पहचान क्यों छिपायी जा रही है? ये सवाल इसलिये महत्वपूर्ण हैं. क्योंकि किसान आंदोलन का खतरनाक कैलिफोर्निया कनेक्शन इसके पहले भी दिख चुका है.



इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराने के लिये ढाई लाख डॉलर के इनाम का एलान सिख फॉर जस्टिस यानी एसजेएफ नाम के जिस प्रतिबंधित संगठन ने किया था, उसका हेड ऑफिस कैलिफोर्निया में हैं. इसीलिये सवाल उठ रहे हैं कि दीप सिद्धू के कैलिफोर्निया कनेक्शन के पीछे क्या खालिस्तानी गैंग है, जिसकी फंडिंग में एसजेएफ जुटा हुआ है? जहां तक किसान आंदोलन में विदेशी फंडिंग की बात है तो इसकी टूटी कड़ियां भी दीप सिद्धू से पूछताछ में जुड़ सकती हैं.


विदेशी फंडिंग के जरिये हिन्दुस्तान को बदनाम करने की अंतर्राष्ट्रीय साजिश की नई तस्वीर एक दिन पहले भी दिखी है. चौंकाने वाली बात तो ये है कि उसके पीछे भी कैलिफोर्निया कनेक्शन ही है. अमेरिका के कैलिफोर्निया में सुपर बाउल मैच के दौरान किसान आंदोलन से जुड़ा 30 सेकेंड का एक विवादित विज्ञापन दिखाया गया. इस वीडियो में किसान आंदोलन का जिक्र कर हिन्दुस्तान के लोकतंत्र की छवि मटियामेट करने की साजिश की गई.


किसके इशारे पर हुई 'सुपर बाउल' साजिश?
सुपर बाउल अमेरिका का सबसे बड़े सॉकर टूर्नामेंट है. इसे करीब बारह करोड़ लोग देखते हैं. इसीलिये सुपर बाउल मैच में विज्ञापन दिखाने के लिये बड़े ब्रांड वाली कंपनियां महीनों पहले बुकिंग कर लेती हैं. सुपर बाउल मैच में 30 सेकेंड का विज्ञापन दिखाने के लिये 44 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं और किसान आंदोलन के विवादित विज्ञापन की बुकिंग तो सुपर बाउल में आखिरी वक्त में की गई थी. यानी 30 सेकेंड के इस विज्ञापन को दिखाने के लिये यकीनन 44 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम खर्च की गई. इस तरह हिन्दुस्तान की छवि बिगाड़ने की नीयत से दिखाए गए इस विज्ञापन के पीछे भी विदेशी फंडिंग के तार साफ दिख रहे हैं.



जिस तरह पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट से दिल्ली हिंसा की टूलकिट साजिश का खुलासा हुआ था. उसी तरह आने वाले दिनों में सुपर बाउल वाले विवादित विज्ञापन की कलई खुलनी तय है. इस विज्ञापन को देने वाले असली चेहरों का पर्दाफाश होना है. और दीप सिद्धू की गिरफ्तारी तो अन्नदाता आंदोलन के साजिश के कैलिफोर्निया कनेक्शन की पूरी कड़ी का महत्वपूर्ण हिस्सा है.


दीप सिद्धू की गिरफ्तारी से क्यों उड़ी फर्जी गैंग की नींद?
सवाल तो ये है कि दीप सिद्धू की गिरफ्तारी पर उन किसान नेताओं को क्यों सांप सूंघ गया है, जो उसे लालकिला हिंसा का मास्टरमाइंड बताने में जुटे थे. एक फोटो का हवाला देकर उसे बीजेपी का एजेंट ठहरा रहे थे? याद दिला दें कि 26 जनवरी को हिंसा के बाद फरार चल रहे दीप सिद्धू ने तब सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर उन सब किसान नेताओं की पोल खोलने की धमकी दी थी.


कहा था कि अगर मैं बोलूंगा तो आप लोगों को भागने का रास्ता तक नहीं मिलेगा. इसीलिये सवाल गहरा रहा है कि दीप सिद्धू के साथ मंच साझा करने वाले किसान नेताओं के मुंह से उसकी गिरफ्तारी पर बोल क्यों नहीं फूट रहे हैं? क्या उन्हें दीप सिद्धू की जुबां खुलते ही अब अपनी गिरफ्तारी का डर सता रहा है? इसका जवाब भी जल्द मिलने वाला है.


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