नई दिल्ली: Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तरकाशी की सिल्क्यारा-डडलगांव सुरंग में 77 घंटो से 40 मजदूर फंसे हुए हैं. इनका रेस्क्यू ऑपरेशन भी धीमा पड़ गया है. जैसे-जैसे वक्त बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे इन मजदूरों के परिजनों की धड़कने भी बढ़ रही हैं. मंगलवार को पुलिसकर्मियों ने सुरंग के मलबे में फंसे एक पिता की उसके बेटे से बात करवाई. पिता ने जो बात कही, उसे सुनकर हर कोई उनकी हिम्मत की दाद दे रहा है. 


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बेटे से क्या बोले पिता?
कोटद्वार विशनपुर निवासी आकाश नेगी ने मलबे में फंसे अपने पिता गबर सिंह नेगी से बात की. गबर सिंह मलबे में फंसे मजदूरों के सुपरवाइजर हैं. पिता-पुत्र की वॉकी-टॉकी के जरिये बातचीत कराई गई. बेटे आकाश ने जब पिता से हालचाल पूछे, तो सामने से जवाब आया- मैं ठीक हूं. तू चिंता मत कर. सभी लोग यहीं हैं. मेरे साथियों की जिम्मेदारी मुझ पर है, इन्हें निकालने के बाद मैं सबसे आखिर में बाहर आऊंगा. मैं यहां पर सबका हौसला बढ़ा रहा हूं.


टनल में घूमने-फिरने की जगह
सुरंग में फंसे मजदूरों के पास घूमने-फिरने की काफी जगह है. आकाश को उसके पिता गबर सिंह ने बताया कि चिंता की कोई बात नहीं है. हम मन बहलाने के लिए यहां टहल रहे हैं. सुरंग में करीब 2 किलोमीटर का हिस्सा सुरक्षित है. हम लोग इसमें टहल लेते हैं. पिटा से बातचीत होने के बाद आकाश ने कहा कि मेरी उनसे बातचीत हो गई, उन्होंने मेरी हिम्मत बढ़ा दी है. अब मैं उन्हें साथ लेकर ही यहां से जाऊंगा. 


मशीन खराब, वायुसेना करेगी मदद
40 मजदूरों को बचाने के लिए 'एस्केप टनल' बनाई जा रही थी. लेकिन इस कोशिश को तब झटका लगा, जब ड्रिलिंग को भूस्खलन के चलते रोकना पड़ा. सुरंग में ड्रिलिंग के लिए लगाई गई आगर मशीन भी खराब हो गई है. भारतीय वायु सेना से बातचीत हुई है, विमान के जरिये दिल्ली से बड़ी मशीनें जल्द ही भेजी जाएंगी. 


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