नई दिल्लीः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस वार्ता कर यस बैंक क्राइसिस के बारे में बात की. उन्होंने इस संकट से उबरने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं उनके बारे में बताया. उन्होंने कहा कि 2017 से ही रिजर्व बैंक की इसपर नजर है. 30 दिनों के भीतर यस बैंक का री-स्ट्रक्चर किया जाएगा. इसे लेकर रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर पूरी जानकारी दी गई है.


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दूसरी ओर रिजर्व बैंक ने कहा कि यस बैंक की पूंजी 5,000 करोड़ रुपये पर स्ट्रैटिजिक इन्वेस्टर्स बैंक 49 प्रतिशत की इक्विटी लगाएंगे. रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि स्ट्रैटिजिक इन्वेस्टर्स बैंक तीन साल से पहले यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी को 26 प्रतिशत से नीचे नहीं ला सकेंगे. 


YES Bank की गलतियों की ओर किया इशारा
प्रेस वार्ता में वित्त मंत्री ने यस बैंक की ओर से की गई गलतियों को भी बताया. कहा कि यस बैंक ने अनिल अंबानी, डीएचएफएल, वोडाफोन जैसी कंपनियों को लोन दिया जो डिफॉल्ट हुए हैं. यह सभी मामले 2014 से पहले के हैं जिस समय यूपीए सत्ता में थी. बैंक की तरफ से निवेश लाने के लिए तमाम कोशिशें की गईं, लेकिन कुछ भी नहीं हो पाया.


बैंक ने लोन बांटने में लापरवाही बरती, जिसके कारण आज बैड लोन के नीचे बैंक दब गया है. यस बैंक के चेयरमैन ने भ्रष्टाचार भी किया और वे सीबीआई जांच के घेरे में भी आए थे. 


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खाताधारकों को दिया आश्वासन
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यस बैंक के वित्तीय संकट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैं खाताधारकों आश्वासन दिलाना चाहती हूं कि आपका पैसा सुरक्षित है. रिजर्व बैंक गवर्नर ने मुझे आश्वासन दिलाया कि जल्द से जल्द इसका समाधान हो जाएगा, कोई नुकसान किसी खाताधारक का नहीं होगा.



" सीतारमण ने कहा, "2014 तक UPA की सरकार के द्वारा फोन के द्वारा लोन उनके चाचा-भतीजे का कार्यक्रम जो हुआ, उसके कारण आज तक हमारे बैंक का सुधार करने की मेहनत हो रही है." RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है, "हमने 30 दिन की बाहरी सीमा दी है, और आप देखेंगे कि कैसे यस बैंक को पुनर्जीवित करने के लिए रिजर्व बैंक तेजी से कार्रवाई करेगा.


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शेयर हुआ धड़ाम
कोरोना के प्रकोप और यस बैंक संकट का असर बाजार में शुक्रवार को कहर बनकर टूटा. प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 893.99 अंकों की गिरावट के साथ 37,576.62 पर और निफ्टी 289.45 अंकों की गिरावट के साथ 10,979.55 पर बंद हुआ. यस बैंक का शेयर 56% गिरा. शुक्रवार को शुरुआती कारोबार के दौरान प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1450 अंक से ज्यादा लुढ़क कर 37,011 पर आ गया.


निफ्टी में 441 अंक टूटकर 10,827.40 के स्तर पर आ गया. विदेशी बाजारों से भी कमजोर संकेत मिलने से घरेलू शेयर बाजार में विकवाली का भारी दबाव बढ़ गया. बाद में कुछ रिकवरी हुई और अंत में सेंसेक्स 893.99 अंकों की गिरावट के साथ 37,576.62 पर और निफ्टी 289.45 अंकों की गिरावट के साथ 10,979.55 पर बंद हुआ.