नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी भाजपा में शामिल हो गए हैं. शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने रेड्डी को भाजपा की सदस्यता दिलाई. इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी और पार्टी के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. लक्ष्मण भी मौजूद रहे.


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किरण रेड्डी ने कांग्रेस को जमकर सुनाई खरी-खोटी
भाजपा में शामिल होने के बाद रेड्डी ने कांग्रेस आलाकमान की आलोचना करते हुए कहा कि वे सब कुछ कंट्रोल तो करना चाहते हैं लेकिन मेहनत करना नहीं चाहते, जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते.


कांग्रेस से अपने परिवार के संबंधों की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस से उनके परिवार का रिश्ता 1952 में शुरू हुआ था और उन्होंने कभी कल्पना नहीं कि थी कि उन्हें कभी कांग्रेस छोड़ना पड़ेगा लेकिन दुर्भाग्य से कांग्रेस आलाकमान के गलत फैसलों के कारण कांग्रेस को सभी राज्यों में नुकसान उठाना पड़ रहा है. आलाकमान न तो नेताओं की राय लेती है और न ही जनता से बात करती है इसलिए उन्हें पता ही नहीं होता कि किस राज्य में किस नेता को क्या जिम्मेदारी दी जाए. इसलिए कांग्रेस की हालत खराब होती जा रही है और सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात तो यह है कि कांग्रेस आलाकमान अभी भी अपनी गलती नहीं मान रही है, उल्टे वो वोट देने वाली देश की जनता को ही गलत ठहरा रही है. आलाकमान की इसी मानसिकता की वजह से उन्हें कांग्रेस छोड़ना पड़ा.


आंध्र प्रदेश में मजबूत होगी भारतीय जनता पार्टी
केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने किरण रेड्डी का भाजपा में स्वागत करते हुए कहा कि उनका परिवार तीन पीढ़ियों से कांग्रेस में रहा है और उन्हें पूरा विश्वास है कि उनके (किरण रेड्डी) आने से आंध्र प्रदेश में पार्टी और ज्यादा मजबूत और ताकतवर होगी. जोशी ने कहा कि उनके आने से पार्टी को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, दोनों ही राज्यों में फायदा होगा.


आपको बता दें कि, अविभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके रेड्डी ने हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. रेड्डी के भाजपा में शामिल होने को कांग्रेस के लिए दक्षिण भारत के एक और राज्य (आंध्र प्रदेश) में एक बड़े राजनीतिक झटके के रूप में देखा जा रहा है.


केरल में कांग्रेस अनिल एंटनी ने कांग्रेस को दिया झटका
रेड्डी के भाजपा में शामिल होने से एक दिन पहले गुरुवार को कांग्रेस के दिग्गज नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने भी भाजपा का दामन थाम लिया था. एके एंटनी केरल के मुख्यमंत्री और मनमोहन सरकार में रक्षा मंत्री रह चुके हैं इसलिए उनके बेटे के भाजपा में शामिल होने को भी केरल में कांग्रेस के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा गया.


भाजपा कर्नाटक के साथ-साथ अब दक्षिण भारत के अन्य राज्यों में भी पार्टी के विस्तार के अभियान में जोर-शोर से लगी हुई है. लगातार दो दिन में दो बड़े नेताओं को पार्टी में शामिल कर भाजपा ने एक बड़ा राजनीतिक संदेश देने का प्रयास किया है. यह भी माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कई और दिग्गज एवं प्रभावशाली नेता भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं.
(इनपुट- आईएएनएस)


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