Ground Report: पिछले साल की तुलना में इस साल 15 दिनों में निगम बोध घाट पर पहुंची 212 अधिक लाशें
बीते साल में 1 से 15 अप्रैल तक निगम बोध घाट पर कोरोना के महज 12 शव पहुंचे थे, जबकि इस साल यह आंकड़ा 224 शवों तक पहुंच गया है.
नई दिल्ली: पूरे देश में कोरोना से हाहाकर मचा हुआ है. वहीं दिल्ली में कोरोना की सुनामी आ गई है. दिल्ली के श्मशान घाटों की बात की जाए, तो वहां की तस्वीरें डराने वाली हैं.
दिल्ली में कोरोना से जितनी मौतें हो रहीं है, उसके करीब 50 फीसदी शव निगम बोध घाट आ रहे हैं. शुक्रवार को दिल्ली सरकार की ओर से जारी आकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में 112 लोगों की कोरोना से मौत हो गई थी, जिसमें से 49 शव सिर्फ निगम बोध घाट पर पहुंचे.
घाट पर 24 घंटे हो रहा अंतिम संस्कार
पिछले 15 दिनों की बात की जाए तो निगम बोध घाट पर 1 से 15 अप्रैल तक कोरोना से मौत के 224 शव पहुंचे.
1 अप्रैल को इस घाट एक भी कोरोना के शव नहीं आए थे, वहीं 7 अप्रैल को 6 शव आए, उसके बाद और हालात खराब होते चले गए और 15 अप्रैल को आकड़ा 49 शवों में तब्दील हो गया.
पिछले साल की तुलना में इस साल की बात की जाए तो स्थित बिल्कुल जुदा है, जहां पिछले साल 1 से 15 अप्रैल तक निगम बोध घाट पर कोरोना के महज 12 शव पहुंचे थे जबकि इस साल 1 से 15 अप्रैल तक 224 शव आ चुके है.
निगम बोध घाट के मैनेजर विशाल मिश्रा ने जी हिंदुस्तान से खास बातचीत में कहा कि स्थित बेहद गंभीर है, हमारे यहां 24 घंटे शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है. इसके बावजूद लोगों के आने का सिलसिला जारी है.
हमने शव यात्रा में सिर्फ 20 लोगों के आने की अनुमित दे रखी है. लेकिन लोगों मानने को तैयार नहीं है. जी हिंदुस्तान की टीम ने भी घाट पर पाया कि लोगों की संख्या अधिक थी और लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे थे.
इसके अलावा कई लोगों ने मास्क नहीं लगाया हुआ था. इधर, निगम बोध घाट के बाहर डराने वाली तस्वीर दिखी. घाट भठ्ठे में तब्दील नजर आई और शवों के ज्यादा जलने से पूरे इलाके में धुंआ छाया नजर आया.
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अन्य घाटों पर शवों की कतारें
निगम बोध घाट के बाद जी हिंदुस्तान की टीम पंचकुइयां श्मशान घाट पहुंची, यह घाट दिल्ली के अन्य घाटों की तुलना में छोटा है. यहां की भी तस्वीर डराने वाली थी.
पंचकुइयां श्मशान घाट पर आम तौर पर इक्का-दुक्का ही शव आया करते थे, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामले और मौतों के बाद पिछले एक हफ्ते से हर दिन करीब 18 शवों के आने सिलसिला जारी है.
घाट के पंडित ने बताया कि दिल्ली की स्थिति बेहाल है और पूरी दिल्ली के घाटों की स्थिति बद से बदतर हो गई है.
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