लाहौर. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान मंगलवार को लाहौर कोर कमांडर हाउस पर हमले सहित चार मामलों में एक आतंकवाद रोधी अदालत के सामने पेश हुए और 2 जून तक की अपनी अग्रिम जमानत के संबंध में मुचलका जमा किया. अदालत के एक अधिकारी ने कहा, ‘खान एटीसी लाहौर के न्यायाधीश इजाज अहमद बुट्टर के समक्ष पेश हुए और आतंकवाद के चार मामलों में एक-एक लाख पाकिस्तानी रुपये का मुचलका जमा किया, जिसमें उन्हें पहले ही दो जून तक अग्रिम जमानत मिल चुकी है.’ 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वकीलों ने समर्थन में लगाए नारे
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के 70 वर्षीय अध्यक्ष खान जैसे ही कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश हुए, वकीलों के एक समूह ने उनके पक्ष में नारे लगाए. खान के वकील ने पूर्व प्रधानमंत्री के जमान पार्क, लाहौर स्थित आवास के लिए तलाशी वारंट को भी आतंकवाद रोधी अदालत में चुनौती दी. न्यायाधीश ने अगली सुनवाई के लिए पंजाब पुलिस के डीआईजी (परिचालन) को तलब किया और उन्हें जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. 


गिरफ्तारी के बाद हिंसक प्रदर्शन हुए
गत नौ मई को इस्लामाबाद में अर्धसैनिक रेंजर्स द्वारा खान की गिरफ्तारी के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित 20 से अधिक सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी भवनों में तोड़फोड़ की. रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी पहली बार भीड़ ने हमला किया था. खान को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था.


पीटीआई के दस हजार से ज्यादा कार्यकर्ता गिरफ्तार
कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने पूरे पाकिस्तान में खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के 10,000 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है, जिनमें 4,000 को पंजाब से गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने हिंसक झड़पों में मरने वालों की संख्या 10 बताई है, जबकि खान की पार्टी का दावा है कि सुरक्षाकर्मियों की गोलीबारी में उसके 40 कार्यकर्ताओं की जान चली गई. इस बीच, खान के दो वकील लाहौर में जिन्ना हाउस के नाम से प्रसिद्ध कोर कमांडर हाउस पर हमले की जांच कर रहे एक संयुक्त जांच दल के सामने पेश हुए. 


गत नौ मई को लाहौर में जिन्ना हाउस और असकरी कॉरपोरेट टावर में हमले और आगजनी की जांच के लिए पंजाब की अंतरिम सरकार द्वारा गठित संयुक्त जांच दल ने खान को बयान दर्ज कराने के लिए मंगलवार को बुलाया था, लेकिन उन्होंने इसके बजाय अपने वकीलों को भेज दिया. खान ने कहा है कि सैन्य प्रतिष्ठानों, खासकर जिन्ना हाउस पर हमले में उनकी कोई भूमिका नहीं है, क्योंकि वह इस अवधि के दौरान जेल में थे. एटीसी ने खान को हाई-प्रोफाइल लाहौर कोर कमांडर हाउस पर हमले में पुलिस जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था.


‘डॉन’ समाचार पत्र की खबर के अनुसार, अपने वकीलों अली इजाज बुट्टर और नईम हैदर पंजुता के माध्यम से जमा किए गए सम्मन के जवाब में, खान ने 'विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त रिपोर्ट' का हवाला दिया कि सार्वजनिक रूप से सामने आने के दौरान और जांच में शामिल होने के दौरान उन पर हमला किया जा सकता है. खान ने कहा कि उन्हें भी आज अदालत में पेश होना था और अनुरोध किया कि उन्हें अपने घर से एक वीडियो लिंक के माध्यम से जांच में शामिल होने की अनुमति दी जाए या इस उद्देश्य के लिए सटीक प्रश्नों वाली एक प्रश्नावली भेज दी जाए. 


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.