कौन हैं घोटाले के आरोपी गुप्ता बंधु, दुबई में इंटरपोल ने किया गिरफ्तार
गुप्ता बंधुओं पर आरोप है कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल आर्थिक लाभ हासिल करने और शीर्ष पदों पर नियुक्तियों को प्रभावित करने के लिए किया.
नई दिल्ली. दक्षिण अफ्रीका में घोटाले के आरपो भारतीय मूल के गुप्ता बंधुओं को संयुक्त अरब अमीरात (यीएई) में गिरफ्तार कर लिया गया है. गुप्ता बंधुओं राजेश गुप्ता और अतुल गुप्ता को दुबई से गिरफ्तार किया है.
इंटरपोल ने किया गिरफ्तार
गुप्ता बंधुओं को दुबई से इंटरपोल ने गिरफ्तार किया. यह गिरफ्तारी इंटरपोल द्वारा पिछले साल जुलाई में गुप्ता बंधुओं के खिलाफ नोटिस जारी किए जाने के लगभग एक साल बाद हुई है. गुप्ता बंधुओं पर आरोप है कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल आर्थिक लाभ हासिल करने और शीर्ष पदों पर नियुक्तियों को प्रभावित करने के लिए किया. हालांकि, गुप्ता बंधुओं ने इन आरोपों का खंडन किया है.
घोटाले के बाद दुबई भाग गए थे गुप्ता बंधु
साल 2018 में दक्षिण अफ्रीका में सरकार से संबद्ध संस्थानों में अरबों रैंड (दक्षिण अफ्रीकी मुद्रा) का घोटाला करने के बाद गुप्ता परिवार दुबई चला गया था. दक्षिण अफ्रीका के न्याय एवं सुधार सेवा विभाग ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि,‘‘न्याय एवं सुधार सेवा मंत्रालय पुष्टि करता है कि उसे यूएई के कानून प्रवर्तन अधिकारियों से सूचना मिली है कि भगोड़े राजेश और अतुल गुप्ता को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. यूएई और दक्षिण अफ्रीका में विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच आगे की कार्रवाई पर चर्चा जारी है. दक्षिण अफ्रीका की सरकार यूएई के साथ सहयोग करना जारी रखेगी.’’
इंटरपोल ने अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा पहले से ही वांछित घोषित गुप्ता बंधुओं के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया था. रेड नोटिस वैश्विक स्तर पर ऐसे व्यक्तियों की गिरफ्तारी के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सतर्क करने की खातिर जारी किया जाता है, जो लंबे समय से वांछित हैं. गुप्ता परिवार 2018 में दक्षिण अफ्रीका को छोड़कर चला गया था.
कौन है गुप्ता बंधु
करीब 24 साल पहले सहारनपुर से गुप्ता ब्रदर्स बिजनेस अवसर की तलाश में दक्षिण अफ्रीका गए थे. वहां उनका कारोबार ऐसा फैला कि वो अब उस देश के टॉप-10 अमीर कारोबारी परिवारों में शुमार हो गए, लेकिन उन पर हमेशा जुमा के नजदीकी होने और सियासी फायदे से कारोबार में आगे बढ़ाने का आरोप लगता रहा है.