तिनसुकियाः असम के तिनसुकिया जिले में स्थित ऑयल इंडिया के गैस के कुएं में आग लग गई. घटना मंगलवार दोपहर की है, जिसमें किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है. आग इतनी भीषण है  कि इसकी लपटें 2 किलोमीटर दूर तक दिख रही हैं.


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ऑयल इंडिया ने एक बयान जारी कर इसके बारे में जानकारी दी. कंपनी के मुताबिक, कुएं से गैस बेतहाशा बाहर आ रही है जिससे आग और भड़क रही है. ' फिलहाल आग पर काबू पाने के प्रयास किए जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक यहां पिछले 14 दिनों से गैस का रिसाव हो रहा था. 


27 मई को विस्फोट से  लगी थी आग
तिनसुकिया जिले के बाघजान स्थित इंडियन आयल के तेल कुंए में गत 27 मई से विस्फोट के बाद जारी गैस व तेल रिसाव को बंद करने की कोशिश के दौरान मंगलवार को फिर से भयावह आग लग गई. इससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई है. 


आग बुझाने के लिए विशेषज्ञों की टीम जुटी हुई है. जब गैस रिसाव का मामला सामने आया था तब इसके नियंत्रण के लिए गुजरात से टीम बुलाई गई थी. 



सिंगापुर से बुलाए गए विशेषज्ञ
ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआइएल) ने सोमवार को कहा था कि सिंगापुर की एक फर्म के तीन विशेषज्ञ बाघजान में प्राकृतिक गैस रिसाव रोकने में मदद को पहुंच गए हैं. टीम के तीनों सदस्य सिंगापुर स्थित अलर्ट डिजास्टर कंट्रोल के विशेषज्ञ हैं.


उन्हें यहां स्थित गैस के कुएं की दरार को भरने का उपाय करना था. मंगलवार को इसी प्रक्रिया के तहत आग भड़क उठी.


इलाके खाली कराए, राहत शिविर में लोग
इंडियन आयल, अग्निशमन के साथ ही अन्य कई एजेंसियों के कार्यकर्ता पहुंचकर आग को बुझाने की कोशिशों में जुट गए हैं. इस बीच आसपास के कई गांवों के लोगों में भय समा गया है. जिला प्रशासन ने लोगों के स्वास्थ्य के मद्देनजर कई गांवों को खाली कराकर लोगों को राहत शिविरों में रखा है. लेकिन इसका स्थानीय लोग विरोध करते आ रहे हैं. 


14 दिन से जारी है मसला
गैस के कुएं में आग भड़कने की घटना तो कई दिनों से जारी त्रासदी की एक भीषण कड़ी भर है. इस पुरे मामले की शुरुआत मई के आखिरी दिनों में 27 तारीख को हुई थी. इस दिन बुधवार सुबह साढ़े 10 बजे बाघजान इलाके में अचानक ही भीषण विस्फोट हुआ तो लोग घबराकर बाहर निकल आए. लोगों के मुताबिक ऑयलफील्ड से तेजी से गाढ़ा काला धुआं निकलते हुए आसमान में मिल रहा था. 


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इलाके में तेल की बारिश!
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बाहर बिना बादल बरसात जैसा आलम था. लोगों ने गौर किया कि गैस का रिसाव तेजी से फैल रहा है और तेल की बारिश जैसी हो रही थी. कंपनी व स्थानीय प्रशासन ने 2-3 किलोमीटर के दायरे को पूरी तरह खाली करा लिया इसके बाद से लोग राहत शिविर में ही हैं.


गैस रिसाव पर इतने दिनों से अंकुश न लग पाने के कारण लोगों में डर भी है और गुस्सा है. उनका कहना है कि हम अपने घर कब जाएंगें पता नहीं. मंगलवार को आग भड़कने से स्थिति और बिगड़ गई. लोगों में कुछ दिन पहले हुए  विशाखापट्टनम गैस लीक जैसे हादसे का डर है.


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