नई दिल्ली: Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार पर खतरा मंडरा रहा है. पार्टी के कई विधायक संपर्क से बाहर हैं. पूर्व CM वीरभद्र सिंह और PCC चीफ प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने भी मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. दावा है कि CM सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने हाईकमान के सामने इस्तीफे कि पेशकश भी की है. माना जा रहा है कि सुक्खू से बड़ी संख्या में विधायक नाराज हैं. 


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2022 में सुक्खू बने थे प्रदेश के CM
पार्टी ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को 2022 में हिमाचल प्रदेश का सीएम बनाया था. तब CM रेस में प्रतिभा सिंह का भी नाम था, जिनकी सदारत में पार्टी ने प्रदेश में चुनाव लड़ा था. हालांकि, पार्टी ने प्रतिभा सिंह को PCC चीफ के पद पर बनाए रखा और सुक्खू को सीएम बनाया. इसके बाद कई बार हिमाचल से तकरार की खबर आई. यही कारण है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हिमाचल से राज्यसभा चुनाव न लड़कर राजस्थान का रुख किया. 


 सुक्खू की 5 बड़ी गलतियां


1. वरिष्ठों से किनारा: CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पद संभालते ही वरिष्ठों से किनारा करना शुरू कर दिया है. प्रदेश के दिग्गज नेताओं को कैबिनेट में जगह भी नहीं दी गई. धर्मशाला से 4 बार के विधायक सुधीर शर्मा को मंत्री नहीं बनाया.


2. विधायकों में असंतोष: विधायकों ने सुक्खू पर भेदभाव का आरोप भी लगाया. अपने करीबी और नगरोटा से पहली बार के विधायक आरएस बाली को राज्य पर्यटन विकास निगम का अध्यक्ष बनाया. यह कैबिनेट स्तर का पद है. इससे कई वरिष्ठ नेता नाराज हुए. विधायकों में असंतोष पैदा हुआ. 


3. अहंकारी छवि: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के आलोचक लगातार कहते रहे हैं कि वे एक अहंकारी व्यक्ति हैं. विधायकों से ठीक बर्ताव नहीं करते हैं. 


4. प्रतिभा सिंह से नाराजगी: प्रतिभा सिंह 6 बार CM रहे वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं. राज्य में PCC चीफ हैं. फिर भी दिसंबर 2023 में सुक्खू सरकार का एक साल पूरा होने पर जो जश्न हुआ, उसमें प्रतिभा सिंह गुट के किसी भी नेता को नहीं बुलाया गया. 


5. सरकार का संगठन से मतभेद: सरकार की कमान सुक्खू के हाथ में थी, संगठन की कमान प्रतिभा सिंह के हाथ में थी. दोनों के बीच दूरियां बढ़ी तो सरकार भी संगठन से दूर जाती रही. संगठन के लोगों को भी सरकार में जगह नहीं दी गई. 


बदला जा सकता है CM
कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश के राजनीतिक संकट से निपटने के लिए दो पर्यवेक्षकों को जिम्मेदारी दी है. कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा को हिमाचल भेजा गया है. यदि हिमाचल में विधायक दल की बैठक बुलाई जाती है, तो सीएम बदला भी जा सकता है. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. 


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