जमात-ए-इस्लामी पर मोदी सरकार का एक्शन, 5 साल के लिए बढ़ाया प्रतिबंध
सरकार ने जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध इसलिए बढ़ाया क्योंकि साल 2019 में प्रतिबंधित होने के बावजूद इस संगठन ने चोरी-छुपे अपनी गतिविधियां जारी रखीं. संगठन को 28 फरवरी, 2019 को पहली बार गैरकानूनी संघ घोषित किया गया था.
नई दिल्ली: प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी पर एक बार फिर बड़ा एक्शन लिया गया है. बता दें कि गृह मंत्रालय ने आज इस संगठन को 'गैरकानूनी संघ' घोषित करते हुए तत्काल प्रभाव से इसे अगले 5 साल के लिए प्रतिबंध बढ़ा दिया है. बता दें कि जमात-ए-इस्लामी को 28 फरवरी, 2019 को पहली बार गैरकानूनी संघ घोषित किया गया था.
अमित शाह ने किया ट्वीट
जमात-ए-इस्लामी, जम्मू कश्मीर पर प्रतिंबध बढ़ाए जाने को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल 'X' पर जमात-ए-इस्लामी को लेकर एक पोस्ट भी शेयर किया है.
इस पोस्ट में गृह मंत्री ने लिखा,' PM नरेंद्र मोदी के आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत सरकार ने जमात-ए-इस्लामी, जम्मू कश्मीर पर 5 साल के लिए प्रतिबंध बढ़ा दिया है.संगठन को राष्ट्र की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ अपनी गतिविधियां जारी रखते हुए पाया गया है. संगठन को पहली बार 28 फरवरी 2019 को 'गैरकानूनी संघ' घोषित किया गया था. राष्ट्र की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति को क्रूर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.'
संगठन ने चोरी-छुपे जारी रखीं गतिविधियां
सरकार ने जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध इसलिए बढ़ाया क्योंकि साल 2019 में प्रतिबंधित होने के बावजूद इस संगठन ने चोरी-छुपे अपनी गतिविधियां जारी रखीं. यहां तक की इसने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों की मदद भी की. इसके अलावा जमात-ए-इस्लामी पिछले 5 सालों में 'अल हुदा' नाम के एक ट्रस्ट के जरिए आतंकियों की फंडिंग में बेहद बड़ी भूमिका निभाई.
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