नई दिल्ली: पीएम मोदी का भारत को दुनिया का सिरमौर बनाने का सपना धीरे-धीरे सच होता जा रहा है.


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12 मार्च को हुई पहली क्वाड देशों के राष्ट्रध्यक्षों की बैठक में 'क्वाड वैक्सीन इनीशिएटिव' की शुरुआत करने का फैसला किया गया.


जिसके अंतर्गत भारत में कोरोना वैक्सीन के निर्माण की श्रृंखला का विकास करके अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वैक्सीन सप्लाई की जाएगी.


क्वाड वैक्सीन इनीशिएटिव के तहत भारत की हैदराबाद स्थित 'ई बायोलॉजिकल' कंपनी का चयन 100 करोड़ कोरोना वैक्सीन डोज के उत्पादन के लिए किया गया है.


कोविड-19 वैक्सीन के उत्पादन में कंपनी की मदद यूनाइटेड स्टेट्स इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (USIDFC) करेगा.  


कंपनी बनाती है दुनिया में सबसे ज्यादा टिटनेस के टीके


'बायोलॉजिकल ई' दुनिया में टिटनस वैक्सीन की सबसे बड़ी निर्माता कंपनी है. सांप के काटने पर लगने वाले एटीवेनम टीके का निर्माण करने वाली भी ये भारत की अग्रणी कंपनी है.



क्वाड वैक्सीन इनिशिएटिव के तहत बायोलॉजिकल ई साल 2021 के अंत तक कोरोना वेक्सीन के 100 करोड़ डोज का निर्माण करेगी.


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बायोलॉजिकल ई का ही क्यों हुआ चुनाव


Biological E की टिटनस और सांप के जहर के काटने पर लगाए जाने वाले इन्जेकश्न बनाने में महारत हासिल है लेकिन एक महिला का इस कंपनी का नेतृत्व करना भी इस कंपनी को क्वाड वैक्सीन इनिशिएटिव के तहत कोविड-19 वैक्सीन के निर्माण के लिए चुना गया है.


USDFC के इस फैसले से लैंगिक समानत के उसके प्रयासों को भी बल मिलेगा. 'बायोलॉजिकल-ई' कंपनी की स्थापना साल 1953 में हुई थी और इसका मुख्यालय हैदराबाद में है.


वर्तमान में इसकी मुखिया महिमा डाटला हैं. वो कंपनी की सीईओ-एमडी के पद पर कार्यरत हैं. 


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