IIT गुवाहाटी के नए गैस बर्नर का कमाल, रोज बचेंगे देश के 13 लाख गैस सिलेंडर
प्रोफेसर पी मुथुकुमार ने इस बर्नर को बनाने वाली टीम का नेतृत्व किया है.मुथुकमार मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख हैं.
नई दिल्ली: IIT गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने एक ऊर्जा की बचत करने वाला और पर्यावरण के अनुकूल गैस बर्नर बनाया है. इस बर्नर से ऊर्जा की 25 फीसद से 50 फीसद तक की बचत होती है.
प्रोफेसर पी मुथुकुमार ने इस बर्नर को बनाने वाली टीम का नेतृत्व किया है. प्रो, मुथुकमार मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख हैं.
क्या है यह तकनीक
प्रोफेसर पी मुथुकुमार ने बताया, यह एक झरझरा दीप्तिमान बर्नर (Porous Radiant Burne) यानी पीआरबी है. कुकिंग स्टोव में विशेष रूप से डिजाइन दोहरी पर्त वाले पीआरबी लगेंगे. जो ईंधन को 25 से 50 फीसद तक बचाते हैं.
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वहीं ये कार्बन डाई ऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन 80 फीसद तक कम करते हैं. यह नए विकसित पीआरबी एलपीजी, बॉयोगैस, पीएनजी और तरल ईंधन जैसे केरोसिन, मेथेनॉल और एथेनॉल पर कारगर हैं. वहीं यह घरेलू और व्यवसायिक रूप दोनों में काम आ सकेंगे.
आईआईटी गुवाहाटी के शोधकर्ताओं का दावा है कि पीआरबी से देश में एलपीजी की काफी मात्रा में बचत होगी. अनुमान के मुताबिक रोज 13 लाख घरेलू एलपीजी सिलेंडर की बचत होगी.
सरकार का लक्ष्य
भारत सरकार देश में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है. आईआईटी गुवाहाटी का यह प्रयास भी उसी दिशा में किया गया योगदान है. इससे कुकिंग स्टोव बेहतर होंगे और एलपीजी-बॉयोगैस का इस्तेमाल बढ़ेगा.
इस तकनीक को IIT गुवाहाटी के उद्योग पार्टनर अग्निमुख एनर्जी सल्यूशन को एक करार करके सौंप दिया गया है. ताकि इसको कामर्शियल बनाया जा सके.
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