नई दिल्ली, भारत के अंदरूनी मामलों पर रोते रहना पाक की आदत भी है और राज-नीति भी. पाकिस्तानी सरकार अपने देश में अपनी दुकान भारत की दम पर ही चलाती है. नक़ल करनी है तो भारत की करनी है और विरोध करना है तो भी भारत का ही करना है. लेकिन अब अगर पाकिस्तान से ज़रा सी भी नासमझी हुई तो उसे समझ लेना चाहिए कि भारतीय सेना उसे सम्हलने का दूसरा मौक़ा नहीं देगी.



पहले पीओके बाद में पाकिस्तान  


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भारत के एजेंडे में अब तक पीओके खुल कर कभी नहीं था और कायदे से अब भी पीओके  को हासिल करने को लेकर भारत ने कोई अंतर्राष्ट्रीय वक्तव्य जारी नहीं किया है पर अब पाकिस्तान की हरकतों को देखते हुए लगता है कि पीओके ज्यादा दूर नहीं है. अगर आतंकवादी देश पाकिस्तान ने कोई भी गलती जानबूझ के कर दी, तो शायद अब भारत का दिया घाव वो कभी भूल नहीं पायेगा. अब पाकिस्तान से पहले पीओके का हिसाब करेगा भारत जिस पर भारत की कड़ी नज़र है.


नए सेना-प्रमुख ने अपने लौह-इरादों का परिचय दिया


भारत की थल सेना के नए सेना-प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे नेक दिल तो हैं पर नरम-दिल नहीं. और ये बात अब पाकिस्तान को अच्छी तरह से समझ लेनी चाहिए. जनरल नरवणे ने अपनी प्रथम प्रेस कांफ्रेंस में अपने गरम इरादों की झलक दिखा दी.  जनरल नरवणे ने कहा कि  पीओके पर अगर संसद का आदेश देगी तो सेना उसको हासिल करने में देर नहीं करेगी!



ये शब्द थे जनरल नरवणे के 


जनरल नरवणे के शब्दों में एक गंभीर घन-गर्जन था जो उन्होंने मर्यादा की सीमाओं के अंदर रहते हुए प्रस्तुत किये. उन्होंने कहा कि - पीओके भारत का एक संसदीय संकल्प है जिसके अनुसार पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर अर्थात पीओके भारत का हिस्सा है. यदि संसद यह संकल्प पारित करती है कि पीओके हमारा होना चाहिए और इस संबंध में हमें आदेश देती है तो पीओके हासिल करने के लिए हम तैयार हैं. 


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