चीन की गतिविधियों पर भारत ने गड़ा रखी है आंख, पूर्वी लद्दाख में उतारा चिनूक
लेह स्थित सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर के अधीन सेना की 81 और 114 ब्रिगेड ने चीनी सेना से निपटने के लिए अपने जवानों और अधिकारियों को चौबीस घंटे ऑपरेशनल मोड में रहने के आदेश दिए हैं. सेना के वरिष्ठ अधिकारी लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और उसके अनुरूप आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.
लद्दाखः मई के पहले सप्ताह में सीमा पर चीनी सेना जो झड़प हुई थी, शांति स्थिति के बाद भी उसके उपजा तनाव बरकरार है. पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सेना की घुसपैठ को रोकने और निगरानी के लिए भारत की थल और वायुसेना मुस्तैद हो गई हैं. थल सेना ने गलवन घाटी और पैगांग त्सो इलाके में यूएवी (अनमैंड एरियल व्हीकल) तैनात कर दिए हैं. वहीं, वायुसेना ने भी पूर्वी लद्दाख में अपनी गतिविधियों को बढ़ाते हुए चिनूक हेलीकॉप्टर को अग्रिम इलाकों में उतारा है.
स्थिति की निगरानी कर रहे हैं सेना के अधिकारी
लेह स्थित सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर के अधीन सेना की 81 और 114 ब्रिगेड ने चीनी सेना से निपटने के लिए अपने जवानों और अधिकारियों को चौबीस घंटे ऑपरेशनल मोड में रहने के आदेश दिए हैं. सेना के वरिष्ठ अधिकारी लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और उसके अनुरूप आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.
भारतीय इलाके में तीन किलोमीटर घुसपैठ
बताया जा रहा है कि चीनी सेना के जवान कथित तौर पर गलवन घाटी के दक्षिण पूर्वी हिस्से में भारतीय इलाके में तीन किलोमीटर आगे तक आ चुके हैं. जानकारी के मुताबिक चीनी सेना गलवन घाटी में पेट्रोल प्वायंट 14-15 और गोगरा चौकी के नजदीक भी तंबू लगा चुकी है. यही वह जगह है जहां शुरू में चीनी सेना ने पैगांग त्सो में भारतीय इलाके में अपनी गतिविधियां बढ़ाने का प्रयास किया था. पांच मई इसी इलाके में चीनी व भारतीय फौजियों के बीच झड़प हुई थी.
सैन्य गतिविधियां बढ़ा रहा है चीन
इसके बाद चीनी सेना ने गलवन घाटी में गतिविधियां बढ़ा दीं. इस इलाके में वह लगातार सैन्य गतिविधियां बढ़ा रहा है. गलवन घाटी में चीनी सैनिकों ने भारतीय चौकी केएम 120 से करीब 15 किलोमीटर दूर अपना एक अस्थायी शिविर तैयार किया है. चीनी सैनिकों ने इस इलाके में अपने तंबू लगाए हैं और वहां उसके वाहनों और अन्य साजो सामान की निरंतर आवाजाही हो रही है. चीनी सेना ने अपने इलाके में भारतीय चौकियों के ठीक सामने सड़क और बंकर बनाना भी शुरू कर दिया है. भारतीय सेना ने इस पर कड़ा एतराज जताया है.
भारतीय जवानों की भी बढ़ी तैनाती
सामान्य परिस्थितियों में केएम 120 चौकी पर भारतीय सेना और भारत तिब्बत सीमा पुलिस के लगभग 250 जवान व अधिकारी तैनात रहते हैं. इस इलाके से अक्सर सैन्य काफिले गुजरते हैं, लेकिन चीनी फौज के जमावड़े को देखते हुए भारतीय सेना ने भी इस चौकी और इसके साथ सटे इलाकों में अपने जवानों की संख्या को बढ़ाया है.
12 को चीनी सीमा पर उड़े थे विमान
12 मई मंगलवार को लद्दाख में LAC के पास मंगलवार को सीमा पर चीन के हेलीकाप्टर देखे गए थे. इसके बाद से ही भारतीय सेना सतर्क हो गई है. सीमा पर चीनी हेलीकॉप्टर दिखाई देने के बाद भारतीय लड़ाकू विमानों ने भी उड़ान भरी. बाद में सामने आया था कि एक हेलीकॉप्टर भारत की आकाशीय सीमा में कुछ किलोमीटर अंदर भी आया था.
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20 मई को ही सैन्य क्षमता बढ़ाने की मिली थी जानकारी
उत्तरी सिक्किम और लद्दाख क्षेत्र में भारत और चीन के बीच गैर-चिन्हित सीमा क्षेत्र पर स्थित इलाकों में भारत और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है. इसकी प्रतिक्रिया में दोनों ही देशों के सैनिकों की संख्या यहां बढ़ाई जा रही है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार डेमचक, दौलत बेग ओल्डी, गलवान नदी तथा लद्दाख में पैंगोंग सो झील के पास के संवेदनशील इलाकों में भारत और चीन दोनों ने अपने अपने अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया है.
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