नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच LAC पर तनाव कम करने के लिए चीन के कहने पर कोर कमांडर स्तर की बातचीत आज भी जारी रहेगी. सोमवार को दोनों देशों के बीच कोर कमांडर की मैराथन बैठक चली. कोर कमांडर स्तर की करीब 11 घंटे तक चली ये बैठक चीन के हिस्से वाले मोल्डो इलाके में हुई. तनाव को कम करने के लिए चीन के आग्रह पर ये बातचीत हो रही है.


भारत ने चीन को अच्छे से समझा दिया


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भारत ने इस बातचीत में चीन को साफ शब्दों में बता दिया कि चीन को पूर्वी लद्दाख और पैंगोंग झील पर यथास्थिति बरकरार करनी होगी. भारत की तरफ से बातचीत की अगुवाई लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया. जबकि ड्रैगन के पक्ष से अगुवाई तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर ने किया.


सूत्रों के मुताबिक चीन और भारत के बीच कोर कमांडर स्तर की बैठक में भारत ने चीन को हद में रहने की सलाह दी है. बैठक में भारतीय अफसरों ने गलवान में हुई, हिंसक झड़प पर नाराजगी जताते हुए उसे चीन की सुनियोजित साजिश और क्रूर हरकत बताया.


सेना प्रमुख जनरल नरवणे जाएंगे लद्दाख


बड़ी खबर ये भी है कि सेना प्रमुख जनरल नरवणे आज लद्दाख जाएंगे. जिसका सीधा सा मतलब है भारत चीन के मामले पूरी तरह सतर्क है. हर स्थिति से निपटने की तैयारी की जा रही है.


सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे आज लेह जाएंगे. दिल्ली में आर्मी कमांडर की बैठक के बाद सेनाध्यक्ष लेह का दौरा करेंगे. आर्मी चीफ 14 कॉर्प्स के अधिकारियों से मुलाकात कर लद्दाख की जमीनी हकीकत जानेंगे. साथ ही चीन की सेना से हो रही बातचीत में प्रगति की भी जानकारी लेंगे.


भारत ने लद्दाख में बढ़ा दी तोपों की तैनाती


भारत-चीन सीमा पर तनाव को देखते हुए भारतीय सेना ने लद्दाख में तोपों की तैनाती बढ़ा दी है. लद्दाख में भारतीय सेना के तोपों को बड़ी संख्या में LAC की तरफ जाते हुए देखा गया.


सूत्रों के मुताबिक चीन ने पश्चिमी थियेटर कमान के कमांडर जनरल झाओ झोंगकी को मिशन लद्दाख पर लगाया है. सूत्रों का ये भी कहना है कि जनरल झाओ 2017 में डोकलाम में पीछे हटने की खीझ लद्दाख के जरिए उतारना चाहता है. गलवान की साजिश के पीछे झाओ झोंगकी का ही दिमाग माना जा रहा है.


जल्द ही राजनयिक स्तर की भी बातचीत


भारत और चीन के बीच सैन्य स्तर की बातचीत के बाद अब जल्द ही राजनयिक स्तर की बातचीत भी हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों के बीच अब संयुक्त सचिव स्तर की बातचीत संभव है.


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हालांकि, अभी चीन की ओर से पीछे हटने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. बताया जा रहा है कि चीन पीछे हटने के मूड में नहीं है. लेकिन चीन को ये समझ लेना चाहिए भारत के सैनिक इंच-इंच के लिए लड़ने को तैयार है. चीन की हर हिमाकत का माकूल जवाब देने के लिए चौतरफा प्लान बन चुका है.


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