नई दिल्ली: हिन्दुस्तानी फौज को भारत-पाकिस्तान सीमा पर 200 आयरन मैन मिलने वाले हैं. ये आयरन मैन Armoured Fighting Vehicle यानी AFV हैं. ये AFV पड़ोसी पाकिस्तान को चाल चलने से पहले ही परास्त करने की ताकत रखते हैं.


पल भर में होगा दुश्मनों का खात्मा


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भारतीय फौज को जो 200 AFV मिलने वाले हैं. वो अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं. यानी वो तो दुश्मन का खात्मा पल भर में कर सकते हैं, लेकिन दुश्मन उन AFV का कुछ नहीं बिगाड़ सकता है.



भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जगजाहिर है. कभी इमरान तो कभी उनके मंत्री अपने पाव भर के परमाणु बमों की धौंस दिखाते हैं. वो और बात है कि 1947 से अब तक पाकिस्तान भारत के हाथों बार बार हर बार परास्त ही हुआ है.


200 बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों की तैनाती


भारत और पाकिस्तान की बीच का तनाव सीमा के क्षेत्रों में दिखाई देता है. जहां आए दिन पाकिस्तान गोलाबारी करता है, रिहायशी इलाकों को निशाना बनाता है. आतंकियों की घुसपैठ कराने की पुरजोर कोशिश करता है. लेकिन अब पाकिस्तान ऐसा नहीं कर पाएगा क्योंकि भारतीय सेना पाकिस्तान के से लगी सीमा के अलग अलग इलाकों में तैनाती के लिए करीब 200 बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों की तैनाती करने वाली है.



Armoured Fighting Vehicles यानी AFV युद्ध के दौरान टैंक रेजिमेंटों के सबसे बड़े और भरोसेमद साथी होते हैं. लिहाजा सेना ने 198 बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों की खरीद की योजना की घोषणा की है. पहियों वाले ये 198 बख्तरबंद लड़ाकू वाहन सेना के पास मौजूद बेहद पुराने वाहनों की जगह लेंगे.


मैदानी इलाकों में इन AFV का इस्तेमाल


सेना की योजना पंजाब और राजस्थान के मैदानी इलाकों में इन AFV के इस्तेमाल करने की है. सेना का कहना है कि ये AFV न केवल समतल इलाकों में बल्कि नदी के इलाके में भी सेना की मदद करने में सक्षम हों. भारतीय सेना की मांग है कि ये पहिए वाले AFV को तेज रफ्तार, पर्याप्त सुरक्षा कवच और युद्धक क्षमता से लैस हों. जो दुश्मन के टैंकों को पल भर में तबाह करने की काबिलियत रखते हों.



इन सारी खूबियों वाले 200 'आयरन मैन'


भारतीय फौज को जिस तरह के Armoured Fighting Vehicles की तलाश है. उनकी कम से कम 32 वर्ष की सर्विस लाइफ होनी चाहिए. ऐसी मजबूती चाहिए कि वो 45 डिग्री की गर्मी और 0 डिग्री सेल्सियस की सर्दी में भी अपना काम कुशलता से कर सकें. जरूरी ये भी है कि वो कम से कम 2 टन युद्धक सामग्री अपने साथ ले जा सके. ट्रांसपोर्टेशन भी आसान होना चाहिए. IL-76 और C-17 जैसे एयरक्राफ्ट कैरियर और रेलवे से लाए ले जाए जा सकें. ये AFV में 2 एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल से लैस हों. ताकि दुश्मन के टैंको को देखते ही तबाह कर सकें. एक मैन पोर्टेबल ATGM लॉन्चर भी होना चाहिए. 30mm कैनन वाली 7.62 मशीन गन के साथ ही कैमिकल, बायोलॉजिकल और न्यूक्लियर असर से इन AFV को सुरक्षित होना चाहिए.


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सेना ने भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनाती के लिए ऐसे Armoured Fighting Vehicles की तलाश शुरू कर दी है. ऐसे वाहनों का उत्पादन करने वाली कंपनियों से बातचीत शुरू हो चुकी है. तो अब वो दिन दूर नहीं जब भारत पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात होंगे 198 Armoured Fighting Vehicle जो पाकिस्तान की हर गुस्ताखी की सजा ऑन द स्पॉट देंगे.


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