नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद दोस्त से दुश्मन बने भाजपा और शिवसेना के बीच की दूरियां कम होने लगी हैं. दरअसल पिछले दिनों हिंदुत्व से जुड़े कई ऐसे मुद्दे सामने आए, जिसने भाजपा और शिवसेना की बीच की दूरियां घटाने का काम किया  है. 


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राम मंदिर ट्रस्ट के गठन पर संजय राउत को याद आए बाला साहेब
अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Temple) निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन पर शिवसेना (Shiv Sena) नेता संजय राउत ने कहा है कि प्रधानमंत्री केवल कोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं. ये अच्छी बात है. इसका क्रेडिट उन सबको जाता है जिनका योगदान मंदिर आंदोलन में रहा है. उन्होंने कहा कि बालासाहेब होते तो बहुत खुश होते, उन्होंने इसके लिए काम किया था. इस सवाल पर कि पीएम ने मंदिर बनाने के लिए सभी को आमंत्रित किया है, संजय राउत ने कहा कि राम किसी पार्टी के नहीं, हम जरूर जाएंगे.  
ये वही संजय राउत हैं, जिन्होंने भाजपा और शिवसेना के रिश्तों में दरार डालने में अपने तीखे बयानों से बेहद अहम भूमिका निभाई थी. लेकिन अब वह भाजपा के फैसले की सराहना करते हुए दिखाई दे रहे हैं. 


उद्धव ठाकरे ने भी भाजपा सरकार के कदम को सराहा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अयोध्या में श्री राम मंदिर बनाने के लिए केंद्रीय कैबिनेट द्वारा ट्रस्ट बनाने को स्वीकृति  देने पर प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी. प्रधानमंत्री के इस कदम का स्वागत करते हुए उद्धव ने कहा कि वे स्वयं भी अयोध्या जा कर राम लाला के दर्शन करेंगे. 


CAA पर कांग्रेस से परेशान हैं उद्धव ठाकरे
राम मंदिर के अलावा नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA भी एक ऐसा मुद्दा है, जिसपर शिवसेना और भाजपा के बीच नजदीकी दिखाई दे रही है. 
क्योंकि कांग्रेस CAA के मसले पर लगातार शिवसेना पर दबाव डाल रही है. दरअसल कांग्रेस चाहती है कि उसके समर्थन से चल रही महाराष्ट्र सरकार कैबिनेट में यह प्रस्ताव पास करे कि वह राज्य में CAA लागू नहीं होने देगी. लेकिन शिवसेना इसके लिए राजी नहीं है. 
इस मुद्दे पर शिवसेना ने अपनी तीसरी सहयोगी पार्टी एनसीपी से भी बात की है. वह भी कांग्रेस के प्रस्ताव के समर्थन में नहीं है. 


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ये तीनो मुद्दे 15 दिनों के अंदर सामने आए हैं. जिन्हें देखकर लगता है कि हिंदुत्व और देशहित की राजनीति करने वाली शिवसेना और भाजपा ज्यादा दिनों तक दूर नहीं रह पाएंगे.