Jammu Kashmir में इस दिन हो सकते हैं चुनाव, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिए संकेत
जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद विधानसभा चुनाव कराए जाने का पहला संकेत देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि इस साल के अंत तक चुनाव कराए जाने की संभावना है.
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद विधानसभा चुनाव कराए जाने का पहला संकेत देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि इस साल के अंत तक चुनाव कराए जाने की संभावना है.
इस साल के अंत तक चुनाव होने की संभावना
महाराजा गुलाब सिंह के ‘राज्याभिषेक’ के 200वें वर्ष के उपलक्ष्य में यहां एक समारोह को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि परिसीमन की कवायद हाल में पूरी हुई जिसके बाद कश्मीर में 47 और जम्मू में 43 सीट के साथ सीट की कुल संख्या बढ़कर 90 हो गई है. केंद्र शासित प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर आए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘इस साल के अंत तक जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है.’’
प्रारूप मतदाता सूची तैयार होने के बाद दिए संकेत
निर्वाचन आयोग द्वारा केंद्र शासित प्रदेश में मतदाता सूची में संशोधन शुरू करने और 31 अगस्त तक प्रारूप मतदाता सूची तैयार करने की घोषणा के दो दिन बाद चुनाव को लेकर किसी समय सीमा का संकेत मिला है. अधिकारियों के अनुसार, मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडे ने समीक्षा की और जम्मू कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को फिर से बनाए गए विधानसभा क्षेत्रों का नक्शा बनाने का निर्देश दिया.
समीक्षा प्रक्रिया के दौरान, नागरिकों को मतदाता सूची में अपना विवरण दर्ज कराने, हटाने और बदलाव का अवसर दिया जाएगा. पिछले महीने, केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि परिसीमन आयोग का आदेश 20 मई से लागू होगा. आयोग ने निर्वाचन क्षेत्रों का खाका फिर से तैयार करते हुए जम्मू संभाग को छह अतिरिक्त विधानसभा सीट और एक सीट कश्मीर को प्रदान किया.
90 विधानसभा क्षेत्रों पर होंगे चुनाव
जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन कानून, 2019 के तहत स्थापित परिसीमन आयोग के आदेशों के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश में 90 विधानसभा क्षेत्र होंगे. इनमें जम्मू संभाग में 43 और कश्मीर में 47 विधानसभा क्षेत्र होंगे, जिनमें से नौ सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित होगी. जम्मू कश्मीर जब राज्य था उस समय 87 सीट थीं. इनमें कश्मीर में 46, जम्मू में 37 और लद्दाख में चार सीट थी. राज्य के पुनर्गठन के दौरान, लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया, जहां विधायिका का प्रावधान नहीं है.
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