Jammu Kashmir: 'मुसलमानों के बिना अमरनाथ यात्रा मुमकिन नहीं', नेमप्लेट विवाद पर बोले उमर अब्दुल्ला

Jammu Kashmir: बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने अब तक बजट नहीं देखा है. ऐसे में वे और उनकी पार्टी पहले बजट देखेगी. इस दौरान वे देखेंगे की इस बजट में जम्मू-कश्मीर की बेरोजगारी, बिजली-पानी पर ध्यान दिया गया है या नहीं. अगर पार्टी और नेताओं की नजर में बजट निराशाजनक होता है तो हमारी पार्टी के दो सांसद इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 23, 2024, 04:56 PM IST
  • 'पहले बजट का करेंगे अध्ययन'
  • 'मुस्लिमों के बिना अमरनाथ यात्रा संभव नहीं'
Jammu Kashmir: 'मुसलमानों के बिना अमरनाथ यात्रा मुमकिन नहीं', नेमप्लेट विवाद पर बोले उमर अब्दुल्ला

नई दिल्लीः Jammu Kashmir: देश में तीसरी बार मोदी सरकार बनने के बाद मंगलवार 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पूर्ण बजट पेश कर दिया गया. मोदी 3.0 के पहले बजट पर देश की राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के बयान आने शुरू हो गए हैं. बजट पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी बयान दिया था. साथ ही उन्होंने कांवड़ यात्रा के दौरान चल रहे नेमप्लेट विवाद पर भी अपनी बात रखी है. 

'पहले बजट का करेंगे अध्ययन'
बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने अब तक बजट नहीं देखा है. ऐसे में वे और उनकी पार्टी पहले बजट देखेगी. इस दौरान वे देखेंगे की इस बजट में जम्मू-कश्मीर की बेरोजगारी, बिजली-पानी पर ध्यान दिया गया है या नहीं. अगर पार्टी और नेताओं की नजर में बजट निराशाजनक होता है तो हमारी पार्टी के दो सांसद इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे.

'मुस्लिमों के बिना अमरनाथ यात्रा संभव नहीं'
इस दौरान उमर अब्दुल्ला ने नेमप्लेट विवाद पर भी अपना बयान दिया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए भाजपा पर निशाना साधा और कहा, सरकार को ऐसा आदेश नहीं देना चाहिए था. यदि जम्मू-कश्मीर की बात करें तो यहां मुस्लिमों के बिना अमरनाथ यात्रा मुमकिन नहीं है. यहां श्रद्धालु, मुस्लिमों के कंधे पर बैठकर अमरनाथ यात्रा करते हैं. माता वैष्णो देवी की यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को घोड़े पर ले जाने वाले भी मुस्लिम ही होते हैं."

‘हटने चाहिए सियासी पार्टियों पर लगे प्रतिबंध’
इसके अलावा उमर अब्दुल्ला ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर लगे प्रतिबंध को खत्म किए जाने पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सरकार को यही करना है तो सियासी पार्टियों पर लगे प्रतिबंध को भी उन्हें हटाना चाहिए. सरकारी अधिकारी आगे आएं और राजनीतिक दलों में शामिल हों.

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 22 जुलाई को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों के लिए मालिक और काम करने वालों के नेम प्लेट लगाने के आदेश पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश की सरकार से 26 जुलाई तक जवाब भी मांगा है.

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