नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक बार फिर समन भेजा है. उन्हें  24 अगस्त को ईडी के रांची स्थित जोनल कार्यालय में उपस्थित होकर अपने और अपने परिवार के लोगों की संपत्ति के बारे में बयान रिकॉर्ड दर्ज कराने को कहा गया है. इसके पहले भी उन्हें बीते 14 अगस्त को उपस्थित होने के लिए समन भेजा गया था, लेकिन सीएम हाजिर नहीं हुए थे. 


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ईडी को कानूनी सहायता की दी थी चेतावनी
उन्होंने उस दिन विशेष दूत से ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा के नाम सीलबंद पत्र भेजा था. पत्र में उन्होंने ईडी के समन को पूर्वाग्रह और राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसे वापस लेने को कहा था. ऐसा न करने पर उन्होंने ईडी के खिलाफ कानूनी सहायता लेने के चेतावनी दी थी.


'चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश'
मुख्यमंत्री ने लिखा था कि यह एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश है. समन में ऐसी किसी भी बात का जिक्र नहीं है जिससे मेरे खिलाफ संपत्ति को लेकर जांच की संभावना बनती हो. जहां तक संपत्ति की बात है तो इससे जुड़ी तमाम जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में समय-समय पर दी जाती रही है. सीएम ने कहा कि अगर प्रवर्तन निदेशालय को किसी ऐसे कागजात की जरूरत है, जिसका जिक्र पूर्व में नहीं किया गया है तो वह मुहैया कराने को तैयार हैं. लिहाजा एजेंसी को समन वापस लेना चाहिए नहीं तो वह कानून का सहारा लेने के लिए बाध्य होंगे.


हेमंत सोरेन ने यह भी लिखा था कि जानबूझकर न सिर्फ उनकी बल्कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार और झारखंड के लोगों की प्रतिष्ठा धूमिल करने की कोशिश की जा रही है. इस पत्र में उन्होंने केंद्र सरकार पर भी पिछले एक साल से उन पर अनुचित दबाव डालने का आरोप लगाया था.


ईडी के तौर-तरीके पर गंभीर सवाल खड़े किए
उन्होंने ईडी के तौर-तरीके पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि अवैध पत्थर खनन मामले में पिछले साल 17 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. उस वक्त उन्होंने अपने और अपने परिवार की चल और अचल संपत्ति का सारा ब्योरा भी दिया था. 30 नवंबर 2022 को अचल संपत्ति के डीड की सर्टिफाइड कॉपी मुहैया कराई गई थी. बैंक का डिटेल भी मुहैया कराया गया था.


सीएम ने लिखा है कि क्या वह कागजात ईडी ऑफिस में गुम हो गए हैं? अगर आप दोबारा चाहेंगे तो भिजवा दिया जाएगा. बता दें कि इसके पहले झारखंड के अवैध खनन घोटाले में बीते साल 18 नवंबर को ईडी के रांची स्थित जोनल कार्यालय में नौ घंटे तक पूछताछ की गई थी.


ईडी ने अवैध खनन के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों के खिलाफ दायर की गई चार्जशीट में भी दावा किया था कि आरोपियों को सीएम हेमंत सोरेन का संरक्षण मिलता रहा है.


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