नई दिल्ली: Champai Soren Challenges: झारखंड विधानसभा में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने 5 फरवरी को बहुमत साबित कर दिया. उनके पक्ष में 47 वोट पड़े, जबकि खिलाफ में 29 वोट पड़े. सत्तारूढ़ गठबंधन की यह बड़ी जीत है. बहुमत पेश करने के दौरान वर्तमान CM चंपई सोरेन और पूर्व CM हेमंत सोरेन ने अपनी बात भी रखी. चंपई सोरेन अपनी पहली अग्नि परीक्षा में सफल साबित हुए. लेकिन फ्लोर टेस्ट पास करने बाद भी उनके सामने कई चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हैं. ऐसे में उन्हें खुद को साबित करने के लिए कई चुनौतियों से दो-दो हाथ करने होंगे. 


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चंपई सोरेन के सामने अब भी हैं ये 5 चुनौतियां


1. रबर स्टैंप CM की छवि: चंपई सोरेन के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये है कि उन्हें अपनी रबर स्टैंप वाले CM की छवि तोड़नी होगी. उन्हें यह साबित करना होगा कि भले हेमंत सोरेन ने उनको CM बननाय लेकिन राज्य की कमान स्वतंत्र रूप से उन्हीं के हाथों में हैं, न कि शिबू सोरेन के परिवार के हाथों में. चंपई सोरेन को ऐसे फैसले लेने होंगे, जो अब तक नहीं लिए गए हैं. 


2. लोकसभा चुनाव: कुछ ही महीने बाद देश में लोकसभा चुनाव हैं. झारखंड में 14 लोकसभा सीटें हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP-AJSU ने 14 में से 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी. अब चंपई सोरेन के सामने चुनौती होगी कि वो इस लोकसभा चुनाव में पार्टी की परफोर्मेंस सुधारें. चंपई सोरेन ने बताया कि हेमंत सोरेन के समय काफी अच्छा काम हुआ. इस बात पर तभी मुहर लगेगी जब लोकसभा चुनाव में JMM की सीटें बढेंगी. 


3. गठबंधन बनाए रखना होगा: झारखंड में JMM का कांग्रेस, RJD और CPI (ML)के साथ गठबंधन है. आगामी लोकसभा चुनाव में भी ये गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ेगा. ऐसे में सीट शेयरिंग को लेकर सभी दलों के बीच आम सहमति होना जरूरी है. चंपई सोरेन की जिम्मेदारी होगी वो सभी दलों को संतुष्ट रखने और उन्हें यह महसूस करवाएं कि सत्ता में उनकी भागीदारी है. 


4. संगठन को मजबूत रखना: JMM के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन जेल में हैं. ऐसे में CM चंपई सोरेन को संगठन को भी देखना होगा. हाल ही में भाजपा ने दवा किया था कि JMM के विधायक उनके संपर्क में हैं. ऐसे में चंपई सोरेन को सभी विधायकों और संगठन के नेताओं से अच्छा-तालमेल बनाना होगा, ताकि कोई उनसे नाराज होकर पार्टी छोड़कर न चला जाए. 


5. सोरेन परिवार से समन्वय: शिबू सोरेन का परिवार लंबे समय से झारखंड की राजनीति का केंद्र रहा है. हेमंत सोरेन भी अपने पिता की तरह JMM के नेता बने और राज्य के मुख्यमंत्री भी. ऐसे में चंपई सोरेन को शिबू सोरेन के परिवार से समन्वय बैठकार चलना होगा. शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन पार्टी से नाराज बताई जा रही थीं. हालांकि फ्लोर टेस्ट से पहले उन्होंने कहा कि कोई नाराजगी नहीं है. इस परिवार को अपने साथ रखना चंपई के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी.  


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