हैदराबाद. आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडु को कोर्ट से एक बार फिर राहत नहीं मिली है. विजयवाड़ा की एंटी करप्शन ब्यूरो कोर्ट ने रविवार को हुई सुनवाई में चंद्रबाबू की न्यायिक हिरासत 5 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी है. मामला स्किल डेवलपमेंट घोटाले से जुड़ा हुआ है. इस मामले में चंद्रबाबू की गिरफ्तारी भी हुई है जिसका विरोध पूरे राज्य में प्रदर्शन के जरिए टीडीपी कार्यकर्ता कर रहे हैं. 


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कोर्ट के समक्ष वर्चुअली हुए पेश
रविवार शाम को चंद्रबाबू को कोर्ट के समक्ष राजमुंद्री सेंट्रल जेल से वर्चुअली पेश किया गया. कोर्ट ने पहली बार चंद्रबाबू को 10 सितंबर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था. उन्हें आंध्र प्रदेश सीआईडी ने कोर्ट के समक्ष पेश किया था. चंद्रबाबू की गिरफ्तारी 9 सितंबर की सुबह में हुई थी. एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि इस घोटाले में राज्य सरकार को 300 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. 


सुप्रीम कोर्ट पहुंचे चंद्रबाबू
इससे पहले शनिवार को चंद्रबाबू ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाया खटखटाया और उनके एफआईआर रद्द करने की मांग की. इस मामले में याचिका पहले आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट की तरफ से निरस्त की जा चुकी है. अगर सीआईडी की मानें तो चंद्रबाबू की इस केस में 'आरोपी नंबर 1' यानी मुख्य आरोपी हैं. 


नारा लोकेश ने लगाए हैं जगन पर आरोप
बता दें कि चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश इस मामले में लगातार जगन सरकार पर निशाना साध रहे हैं. लोकेश का कहना है कि यह राजनीतिक बदले की कार्रवाई के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा था कि एक भ्रष्ट मुख्यमंत्री, जिनके खिलाफ 38 मामले हैं, जिनमें से 10 सीबीआई और सात ईडी द्वारा दर्ज किए गए थे, उन पर (चंद्रबाबू) कीचड़ उछालने की कोशिश कर रहे हैं.


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