JPNIC Controversy: अखिलेश का ड्रीम प्रोजेक्ट, योगी ने लगाया ब्रेक... यहां जानें JPNIC की पूरी कहानी!
Akhilesh Yadav JPNIC Controversy: साल 2013 में अखिलेश यादव के शासन के दौरान लखनऊ में जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर का निर्माण शुरू हुआ था. लेकिन योगी सरकार आने पर इसके निर्माण को बीच में ही रोक दिया गया था.
नई दिल्ली: Akhilesh Yadav JPNIC Controversy: यूपी की राजधानी लखनऊ में आज जबरदस्त सियासी ड्रामा देखने को मिला. अखिलेश यादव के घर के बाद बैरिकेडिंग है. उनके घर के आगे का रास्ता भी सील कर दिया है. लखनऊ में ही स्थित जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) के आगे भी फोर्स तैनात की गई है. यहां भी बेरिकेड्स लगाए गए हैं. अखिलेश यादव ने JPNIC जाने की जिद छोड़ घर से बाहर निकलकर जेपी की मूर्ति का माल्यार्पण किया.
अखिलेश के घर के बाहर पुलिस क्यों?
दरअसल, आज जयप्रकाश नारायण की जयंती है. अखिलेश जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर पर जाकर जेपी की मूर्ति को माल्यार्पण करना चाह रहे हैं. गुरुवार देर रात को भी वे JPNIC के बाहर गए थे, लेकिन तब टीन शेड लगाकर अखिलेश को अंदर आने से रोका गया था. तब अखिलेश ने ट्वीट कर प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला भी किया था. इस पहले साल 2023 में भी अखिलेश JPNIC गए थे, लेकिन तब मुख्य द्वार पर ताला लगा था. फिर अखिलेश अपने समर्थकों के साथ 8 फीट का गेट फांदकर अंदर घुसे और जेपी की मूर्ति को माला पहनाई. इस बार भी अखिलेश को पुलिस से यहां जाने की अनुमति नहीं मिली है. सपा समर्थक सड़क पर उतरकर इसका विरोध कर रहे हैं. पुलिस ने बैरिकेडिंग इसलिए की है, ताकि अखिलेश JPNIC न पहुंच सकें. हालांकि, अखिलेश ने कहा है कि आज नवरात्र का त्योहार है, वरना ये बांस-बल्ली और बेरिकेड्स हम समाजवादियों को नहीं रोक सकती थीं.
अखिलेश के राज में शुरू हुआ JPNIC का काम
जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) का काम साल 2013 में अखिलेश यादव की सरकार में शुरू हुआ था. ये अखिलेश का ड्रीम प्रोजेक्ट था. जैसे दिल्ली में इंडिया हैबिटेट सेंटर है, ठीक उसी तरह अखिलेश JPNIC बनाना चाहते थे. ऐसा दावा है कि 4 साल के भीतर यानी साल 2017 तक अखिलेश सरकार में JPNIC पर 860 करोड़ रुपये खर्च किए गए. यहां पर 17 मंजिला इमारत बनी. इसमें म्यूजियम, लॉन टेनिस कोर्ट, बैडमिंटन कोर्ट, ऑले वेदर स्वीमिंग पूल, बड़ा गेस्ट हाउस, 100 रूम, हैलीपेड और पार्किंग समेत कई व्यवस्थाएं की गईं.
योगी सरकार कर रही गड़बड़ी की जांच
इसके बाद साल 2017 में यूपी में सरकार पलट गई. भाजपा का शासन आ गया. ऐसा कहा जाता है कि तब तक JPNIC का 80 परसेंट निर्माण पूरा हो चुका था. लेकिन योगी सरकार बनते ही इसके निर्माण को रोक दिया गया. भाजपा आरोप लगाती आ रही थी कि इसके निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है. सरकार ने इस पर जांच बैठाई. इसके बाद से यह इमारत खंडहर बन गई है. कंपाउंड में झाड़ उग आए हैं. बिल्डिंग में टूट-फूट हो गई है. मुख्य बिल्डिंग पर लगे टाइल्स टूट गए हैं. सपा का आरोप है कि अब योगी सरकार इसे निजी हाथों में देना चाहती है.
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