भोपाल: मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार ने राज्यपाल के निर्देश के बावजूद फ्लोर टेस्ट नहीं किया. इस पर भाजपा की ओर से शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन अदालत ने इस पर सुनवाई कल तक के लिये टाल दी. अब कमलनाथ ने राज्यपाल की चिट्ठी का जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि आज फ्लोर टेस्ट ना बुलाए जाने पर बहुमत नहीं होने की बात लिखना असंवैधानिक है.


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बागी विधायकों को स्वतंत्र किया जाए- कमलनाथ



 


कमलनाथ ने राज्यपाल को जवाब दिया है कि बेंगलुरु में बंदी बनाए गए विधायकों को पहले रिहा होने दीजिए और कुछ दिन ताज़ी हवा में सांस लेने दीजिए. ताकि वे स्वतंत्र मन से फैसला ले सकें. राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को 17 मार्च तक बहुमत साबित करने कहा था. बता दें कि 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दिया है जिसके बाद से कमलनाथ सरकार अल्पमत में है.


राज्यपाल के आरोपों से दुखी हूं- कमलनाथ


राज्यपाल लालजी टंडन को लिखी चिट्ठी में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि अपने 40 साल के राजनीतिक जीवन में उन्होंने मर्यादा का पालन किया है, लेकिन आपके द्वारा लगाए गए आरोप से वह दुखी हैं. कमलनाथ ने सदन की कार्यवाही को 26 मार्च तक स्थगित होने के पीछे कोरोना वायरस के कहर को मुख्य कारण बताया. राज्यपाल ने कहा था कि अगर आप फ्लोर टेस्ट नहीं करते हो तो ये माना जाएगा कि आपकी सरकार अल्पमत में है.


कई बार साबित किया है बहुमत- कमलनाथ


बहुमत साबित करने के मसले पर राज्यपाल से कमलनाथ ने कहा कि वह 15 महीने के कार्यकाल के दौरान कई बार बहुमत साबित कर चुके हैं, अगर बीजेपी का आरोप सही है तो वह अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है. मैंने आपको पहले भी अवगत कराया है कि कांग्रेस के 16 विधायकों को बीजेपी ने चार्टर्ड प्लेन में बैठाकर बेंगलुरु के रिजॉर्ट में रखा है. 


बहुमत परीक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई


भाजपा की ओर से शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन अदालत ने इस पर सुनवाई कल तक के लिये टाल दी. सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ सरकार को नोटिस भी दिया है और कल इस मामले पर सुनवाई होगी. 


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