दिल्ली: मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार ने राज्यपाल के निर्देश के बावजूद फ्लोर टेस्ट नहीं किया. इस पर भाजपा की ओर से शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन अदालत ने इस पर सुनवाई कल तक के लिये टाल दी. सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ सरकार को नोटिस भी दिया है और कल इस मामले पर सुनवाई होगी. आपको बता दें कि कमलनाथ सरकार को मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने चिट्ठी लिखकर मंगलवार को ही फ्लोर टेस्ट करने को कहा था.
कोरोना के सहारे सरकार बचाने की कोशिश में कमलनाथ
सवाल ये है कि क्या मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता गंवाने की बारी आई, तो सरकार ने दी कोरोना की दुहाई? क्योंकि कोरोना की वजह से सोमवार को विधानसभा में कमलनाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं हुआ है. कोरोना का हवाला देकर विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दी गई. इस बीच राज्यपाल ने कमलनाथ सरकार को सख्त आदेश सुनाया है.
Supreme Court issues notice to Madhya Pradesh government, hearing tomorrow at 10.30 am https://t.co/Vm55HyRpKQ
— ANI (@ANI) March 17, 2020
राज्यपाल के निर्देशों का उल्लंघनः भाजपा
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने रविवार रात राज्यपाल से मुलाकात की थी. उन्होंने कहा- राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष और सरकार को निर्देश दिया था कि 16 मार्च को अभिभाषण के बाद फ्लोर टेस्ट करवाएं. लेकिन, सरकार की ओर से विधानसभा की कार्यसूची में केवल अभिभाषण को लिया गया.
ये भी पढ़ें- अगर कमलनाथ सरकार ने आज नहीं कराया फ्लोर टेस्ट तो 'गिर जाएगी सरकार'?
कमलनाथ सरकार का बचना मुश्किल
आपको बता दें कि कांग्रेस के 22 बागी विधायक किसी भी कीमत पर कमलनाथ के साथ आना नहीं चाहते हैं. वे लगातार कह रहे हैं कि सिंधिया जैसा कहेंगे वैसा वे करेंगे. ज्योतिरादित्य सिंधिया फिलहाल मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनवाने की कोशिश कर रहे हैं. मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार माने जाने वाले कांग्रेस के 22 विधायकों ने राज्य के राज्यपाल को अपने इस्तीफे भेज दिए थे.
ये भी पढ़ें- मध्य प्रदेश की राजनीति में आया कोरोना, नहीं हुआ फ्लोर टेस्ट, विधानसभा स्थगित