नई दिल्ली. Hijab Controversy: कर्नाटक में हिजाब विवाद अभी रुकने का नाम नहीं ले रहा है. विवाद अब कर्नाटक से बाहर निकलकर कई राज्यों में पहुंच गया है. कर्नाटक हाईकोर्ट भी इस मामले में सुनवाई शुरू कर चुका है. मामले को लेकर सत्ताधारी बीजेपी और विपक्ष आमने-सामने हैं. दरअसल इस वक्त हिजाब विवाद के कारण सुर्खियों में आया उडूपी शहर दक्षिण भारत में भगवान कृष्ण की भक्ति का बड़ा केंद्र है. यही वो जगह है जहां गुरु माधवाचार्य ने 13वीं सदी में भगवान कृष्ण के मंदिर की स्थापना की. इसी के साथ यह शहर कृष्ण भक्ति के लिए मशहूर होता चला गया है. इस जगह को दक्षिणी भारत का मथुरा कहा जाता है. 


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माधवाचार्य के कारण बना कृष्ण भक्ति का बड़ा केंद्र
माधवाचार्य ने जिस कृष्ण मंदिर की स्थापना की थी वह आज भी उडूपी में श्रद्धा का बड़ा केंद्र है और यहां पर देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं. वैष्णव संत माधवाचार्य को इस मंदिर के साथ-साथ अष्ट मठ यानी आठ मठों की स्थापना का श्रेय भी जाता है. इन मठों की स्थापना द्वैत सिद्धांत के दर्शन के प्रचार के लिए की गई थी. 

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शहर में ब्राह्मण समुदाय के लोगों की संख्या ज्यादा


चिन्मय तुंबे की किताब 'इंडिया मूविंग: ए हिस्ट्री ऑफ माइग्रेशन' के मुताबिक कृष्ण भक्ति का बड़ा केंद्र होने के कारण इस शहर में दक्षिण भारतीय ब्राह्मणों का आना शुरू हुआ. दक्षिण भारत के विभिन्न शहरों से ब्राह्मण समुदाय के लोग यहां पहुंचे. यही कारण है कि दक्षिण भारत के किसी भी अन्य इलाके के तुलना में उडूपी में ब्राह्मण जाति की संख्या काफी ज्यादा है. शहर में ब्राह्मण जाति की आबादी लगभग 10 फीसदी के आसपास है. 


अपनी दिलचस्प पूजा पद्धति के मशहूर है भगवान कृष्ण का मंदिर
उडुपी का कृष्ण मंदिर अपनी अलग परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है. इस मंदिर की पूजा पद्धति बेहद दिलचस्प है. मंदिर में दर्शन की प्रक्रिया एक चांदी की परत वाली खिड़की से होती है जिसमें नौ छिद्र होते हैं. यह मंदिर दक्षिण भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है.

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