नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता बी.एस. येदियुरप्पा को झटका देते हुए सांसदों/विधायकों के खिलाफ मामलों के लिए एक विशेष अदालत ने बुधवार को उनके खिलाफ लोकायुक्त पुलिस की ओर से मामला दर्ज करने और कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहते हुए सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया.


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शेल कंपनियों में वित्तीय लाभ का आरोप
सामाजिक कार्यकर्ता टी.जे. अब्राहम ने आरोप लगाया है कि बीएस येदियुरप्पा ने कथित तौर पर शेल कंपनियों के माध्यम से वित्तीय लाभ के बदले रामलिंगम कंस्ट्रक्शन को एक बीडीए आवास परियोजना प्रदान की थी. इसके बाद अदालत का यह फैसला आया है.


राज्यपाल की पूर्व सहमति न लेने की याचिका हुई थी खारिज
सामाजिक कार्यकर्ता टीजे अब्राहम ने पहले येदियुरप्पा, उनके बेटे बी.वाई. विजयेंद्र, सहकारिता मंत्री एस.टी. सोमशेखर और छह अन्य के खिलाफ जांच की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि, विशेष अदालत ने राज्यपाल की पूर्व सहमति न लेने की याचिका खारिज कर दी थी.


इसके बाद, अब्राहम ने उच्च न्यायालय में अपील की थी जिसने विशेष अदालत को मामले पर फिर से विचार करने का निर्देश दिया था.


'मेरे खिलाफ साजिश, न्यायपालिका में पूर्ण विश्वास'
बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है और वह न्यायपालिका में पूर्ण विश्वास व्यक्त करते हैं और निर्दोष साबित होंगे. उन्होंने कहा कि यह मेरे खिलाफ साजिश है.


प्रवर्तन निदेशालय से संपर्क करने की कही थी बात
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे पहले टीजे अब्राहम ने सोमवार को कहा था कि वह बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय से संपर्क करेंगे. 


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