दूदू जिले को फिर से जयपुर जिले में शामिल करने पर आमजन में खुशी, CM भजनलाल शर्मा से मुलाकात कर जताया आभार
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दूदू जिले को फिर से जयपुर जिले में शामिल करने पर आमजन में खुशी, CM भजनलाल शर्मा से मुलाकात कर जताया आभार

Jaipur News:  दूदू जिले को फिर से जयपुर जिले में शामिल करने पर आमजन ने खुशी जताई. इस दौरान आमजन ने CM भजनलाल शर्मा से मुलाकात कर उनका आभार जताया.

Bhajan Lal Sharma

Jaipur News: दूदू क्षेत्र के निवासियों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिलकर उनका आभार जताया है. कैबिनेट द्वारा दूदू को फिर से जयपुर जिले में शामिल करने के फैसले पर खुशी जताते हुए दूदू के प्रतिनिधिमंडल ने आभार जताया.

फागी से आए देशराज प्रधान ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा दूदू ग्राम पंचायत को जिला बनाने के अव्यवहारिक निर्णय से यहां के निवासियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था. उन्होंने मुख्यमंत्री को इन समस्याओं का संज्ञान लेते हुए दूदू जिले के फिर से जयपुर में शामिल करने के लिए आभार जताया और बधाई भी दी.

ऋषिकेश शर्मा ने बताया,'' दूदू को ग्राम पंचायत श्रेणी से जिला बनाने के निर्णय से आमजन को सरकारी काम संपादित कराने में बेहद कठिनाई आ रही थी. अब ये कठिनाइयां दूर हो जाएंगी. फिर से जयपुर जिले में दूदू के सम्मिलित होने से आमजन के काम पास ही सुलभ और सुगम तरीके से हो सकेंगे.''

शनिवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट ने सभी क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित करने एवं वित्तीय एवं मानव संसाधनों का समुचित उपयोग करने के क्रम में पूर्ववर्ती सरकार के समय में गठित जिलों और संभागों का पुनः निर्धारण किया है.

निर्णय के बाद अब प्रदेश में कुल 7 संभाग और 41 जिले होंगे. 9 जिलों अनूपगढ़, दूदू, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, नीम का थाना, सांचौर व शाहपुरा तथा 3 संभागों बांसवाड़ा, पाली, सीकर को नहीं रखने का निर्णय लिया गया है.

पूर्व सीएम गहलोत ने साधा निशाना

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिले खत्म करने पर भजनलाल सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. गहलोत ने कहा कि जिलों को खत्म करने को लेकर सरकार गिल्टी कॉन्शियस है. अगर ऐसा नहीं है तो रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स को आगे करके बात करने की क्या जरूरत थी ? गुजरात, MP, छत्तीसगढ़ में जिले बढ़े तो राजस्थान में क्यों नहीं ? इस आधार पर प्रदेश में अभी और जिले बनाने की गुंजाइश है. सरकार के तर्क किसी भी दृष्टि से सही नहीं है.

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